नई दिल्ली. एयर इंडिया के पांच पायलट कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। हाल ही में ये कार्गो फ्लाइट्स लेकर चीन गए थे। उड़ान भरने से 72 घंटे पहले किए जाने वाले प्री-फ्लाइट टेस्ट में सभी पायलट संक्रमित पाए गए। कंपनी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पांचों पायलटों में कोई लक्षण नजर नहीं आए हैं, फिलहाल सभी मुबंई में हैं।
एयर इंडिया लॉकडाउन के बाद से कई देशों के लिए कार्गो उड़ानों का संचालन कर रही है। इसी बीच चिकित्सा आपूर्ति के लिए 18 अप्रैल को दिल्ली से ग्वांग्झो के लिए बोइंग 787 ने उड़ान भरी थी। एयरलाइन ने शंघाई और हॉन्गकॉन्ग के लिए भी मेडिकल कार्गो उड़ानें संचालित की थीं।
खबर से कुछ पायलट चिंतित
एयर इंडिया की ओर से अभी इस बारे में बयान नहीं जारी किया गया है। एक सूत्र ने कहा कि इस खबर से कुछ पायलट चिंतित हो गए हैं। वंदे भारत मिशन के तहत पायलटों को न्यूयॉर्क जैसी जगहों पर जाना है, जहां महामारी के मामले सबसे ज्यादा हैं। सरकार के दिशा-निर्देश के तहत उड़ान भरने से पहले और बाद में क्रू मेंबर्स का टेस्ट किया जाता है।
रिजल्ट निगेटिव होने पर ही ड्यूटी करते हैं
उड़ान भरने के बाद पायलट को होटल ले जाया जाता है। जहां वे अपनी रिजल्ट का इंतजार करते हैं। रिजल्ट आने में 24-48 घंटे लगते हैं। अगर उनका टेस्ट निगेटिव होता है तो उन्हें कंपनी घर भेज देती है। अराइवल के पांच दिनों के बाद क्रू का एक और टेस्ट किया जाता है। अगर रिजल्ट निगेटिव हुआ और उनमें कोई लक्षण नजर नहीं आए है तो उन्हें आगे की उड़ानों के लिए भेजा जाता है।
एआई के कार्यकारी निदेशक कैप्टन आर एस संधू द्वारा पिछले सप्ताह एक नोट में कहा गया था कि मैनहट्टन, न्यूयॉर्क में करोनावायरस के ज्यादा प्रभाव के कारण सभी कर्मचारियों को अनुबंधित नेवार्क होटल में ठहराया जाना चाहिए।
दूसरा फेज 15 मई से शुरू होगा
वंदे भारत मिशन के तहत भारत लौट रहे लोगों को फ्लाइट का किराया और क्वारैंटाइन का खर्च खुद उठाना होगा। पहले फेज में 14 मई तक 12 देशों से 14 हजार 800 भारतीयों को लाने का प्लान है। मिशन का दूसरा फेज 15 मई से शुरू होगा। इस फेज में सेंट्रल एशिया और यूरोपीय देशों जैसे- कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, रूस, जर्मनी, स्पेन और थाईलैंड से भारतीयों को लाया जाएगा।