काम बंद हो गया, पैसे थे नहीं, साइकिल पर गृहस्थी लादकर पैदल ही अहमदाबाद से पहुंच गए भिंड

Posted By: Himmat Jaithwar
5/10/2020

ग्वालियर. दूसरे राज्यों में फंसे लोगों का आना अब भी जारी है। शनिवार को शहर में करीब 500 लोग आए, जिनमें कई लोग परिवार के साथ पैदल ही घर पहुंचे। लहार में अहमदाबाद से आई एक 50 सीटर बस में 70 लोग बैठकर आए। बस में इस कदर भरी थी कि लोग एक-दूसरे से बिलकुल सटकर बैठे थे। वहीं अहमदाबाद में पानी पूरी का धंधा करने गए विजय कुमार अपनी पत्नी और 2 वर्ष के बेटे के साथ साइकिल पर गृहस्थी लादकर 8 दिन बाद घर पहुंचे। विजय कुमार ने बताया कि जेब में इतना पैसा नहीं बचा था कि बस का 3 हजार रुपए किराया दे पाते, इसलिए पैदल ही चल दिए। रास्ते में चल चलकर पैरों में छाले पड़ गए। शनिवार को सुबह साढ़े 10 बजे कठिन यात्रा करके यह परिवार सकुशल वार्ड 37 में अपने घर पहुंच गया। उनका कहना था कि अहमदाबाद में एक-एक दिन काटना मुश्किल हो गया था। अब घर पहुंचकर राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि यात्रा के दौरान समाजसेवियों ने बहुत मदद की।


बेटी ने चलाई साइकल, पिता ने सामान उठाया सोनीपत से 3 दिन में भिंड पहुंचे पिता-पुत्री

फूप निवासी जयवीर सिंह सोनीपत में हलवाई का काम करते हैं। वह 8 साल की बेटी आरती के साथ फंस गए थे। जयवीर ने घर पहुंचने के लिए काफी प्रयास किया पर वाहन नहीं मिला फिर गुरुवार की सुबह 5 बजे उसने बेटी को साइकिल पर सवार किया और खुद सामान हाथ में लेकर चल पड़ा। 20 किलोमीटर चलने के बाद जयवीर को एक ट्रक चालक ने बिठा लिया और शुक्रवार की शाम 7 बजे ग्वालियर छोड़ दिया। यहां कुछ खाना पीना खाकर दोनों ने फिर यात्रा शुरू कर दी। दोनों पिता, पुत्री शनिवार को सुबह 10 बजे भिंड पहुंचे यहां से वह जांच कराकर सीधे फूप के लिए रवाना हो गए।



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