नई दिल्ली. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) का वित्त वर्ष 2019-20 में कुल कारोबार 88 हजार 887 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने शनिवार को कहा कि खादी उद्योग को पुनर्जीवित करने के सरकार के निरंतर प्रयासों और खादी को दैनिक जीवन की आवश्यकता के रूप में अपनाने के लिए प्रधानमंत्री की अपील करने के परिणामस्वरूप केवीआईसी लगातार विकास कर रहा है।
खादी फैब्रिक उत्पादों की बिक्री 179 प्रतिशत बढ़
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2015-16 में खादी का उत्पादन 1,066 करोड़ रुपए आंका गया था, जो कि वित्त वर्ष 2019-20 में बढ़कर 2,292.44 करोड़ रुपए हो गया है। इसमें 115 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई। दूसरी ओर, खादी की बिक्री और भी ज्यादा रही। खादी फैब्रिक उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2015-16 में 1,510 करोड़ रुपए थी, जो कि वित्त वर्ष 2019-20 में 179 प्रतिशत बढ़कर 4,211.26 करोड़ रुपए हो गई। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में खादी का कारोबार वित्त वर्ष 2018-19 में 3215.13 करोड़ रुपए था जो 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वित्त वर्ष 2019-20 में 4211.26 करोड़ रुपए हो गया।
84 हजार 675.39 करोड़ के ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री
वित्त वर्ष 2015-16 में ग्रामोद्योगों के उत्पादों का उत्पादन 33 हजार 425 करोड़ रुपए था और यह उत्पादन वित्त वर्ष 2019-20 में 96 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 65 हजार 393.40 करोड़ रुपए हो गया। वित्त वर्ष 2015-16 में ग्रामोद्योगों के उत्पादों की बिक्री 40 हजार 385 करोड़ रुपए थी, जिसमें लगभग 110 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह वित्त वर्ष 2019-20 में 84 हजार 675.39 करोड़ रुपए हो गया।
देश-विदेश के उपभोक्ता भी कर रहे खरीदारी
सक्सेना ने बताया कि खादी परिधानों के अलावा, ग्राम उद्योग उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला जैसे सौंदर्य प्रसाधन , साबुन और शैंपू ,आयुर्वेदिक दवाएं , शहद , तेल, चाय, अचार, पापड़, हैंड सैनिटाइजर, मिष्ठान, खाद्य पदार्थ और चमड़े की वस्तुओं ने भी बड़ी संख्या में देश-विदेश के उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है। इसके परिणामस्वरूप, पिछले पांच वर्षों में ग्रामोद्योग उत्पादों के उत्पादन और बिक्री में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है।
खादी का इस्तेमाल कर पीपीई किट बनाई
उन्होंने कहा कि खादी इंडिया ने खादी का इस्तेमाल करते हुए पीपीई किट तैयार की है जो अभी परीक्षण के दौर पर है और इसकी मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। आयोग ने अभी तक खादी किट बाजार में जारी नहीं की है। खादी इंडिया ने कोरोना महामारी के खिलाफ संघर्ष में योगदान के लिए मास्क का निर्माण किया है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है और इनको बनाने में हाथ से बुने कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है।