बैतूल। जिले में अतिवर्षा के कारण नदी-नालों में अचानक बाढ़ की स्थिति बन रही है। गुरुवार को चिचोली विकासखंड के ग्राम तारा के बच्चे हरदू स्कूल से लौटते समय रास्ते में मोरंड नदी के बीच पानी के तेज बहाव में फंस गए। चट्टानों के सहारे जैसे-तैसे उन्होंने स्वयं को सुरक्षित किया। ग्रामीणों को जैसे ही बच्चों के फंसे होने की जानकारी मिली, वे नदी के पास पहुंचे और रस्सी के सहारे सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान दो बच्चे संतुलन बिगड़ जाने से नदी में बहने से बाल-बाल बच गए।
ग्राम तारा के सुनील धुर्वे ने बताया कि गांव के बच्चे करीब चार किलोमीटर दूर हरदू में स्थित हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए जाते हैं। रास्ते में पड़ने वाली मोरंड नदी पर पुल न होने के कारण वर्षाकाल में नदी के पानी में से ही बच्चे जान जोखिम में डालकर आना-जाना करते हैं। गुरुवार को सुबह जब बच्चे स्कूल गए तो नदी में पानी कम था। शाम को आसपास के क्षेत्रों में तेज वर्षा के कारण नदी में अचानक बाढ़ आ गई। स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्चे नदी पार कर रहे थे, लेकिन तेज बहाव के कारण संतुलन बिगड़ गया। ऐसे में नदी के भीतर मौजूद चट्टान का सहारा लेकर उन्होंने खुद को सुरक्षित किया। कुछ बच्चे चट्टान पर चढ़ गए और एक-दूसरे को पकड़कर बहने से बचने का प्रयास किया। गांव के लोगों को जैसे ही बच्चों के नदी के बीच फंस जाने की सूचना मिली, वे पालकों के साथ मौके पर पहुंचे।
ग्राम के कमल कवड़े, पप्पू कवड़े, प्रकाश विश्वकर्मा, संजू धुर्वे, अरविंद वट्टी सहित अन्य ने नदी के बीच चट्टान पर मौजूद बच्चों तक रस्सी पहुंचाई और एक-एक बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षों से नदी पर पुल बनाने की मांग की जा रही है लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में वर्षाकाल में जान जोखिम में डालकर आना-जाना करना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि चिचोली क्षेत्र में मोरंड के अलावा भाजी नदी पर पुल न होने से कोंडर एवं अन्य गांवों के लोगों को भी नदी में बाढ़ होने पर गंभीर मरीज को जान जोखिम में डालकर दूसरी ओर ले जाना पड़ता है। पिछले दिनों एक बीमार महिला को उफनती नदी बैलगाड़ी के सहारे पार कराई गई थी। इसके अलावा शाहपुर क्षेत्र के मोरनढाना में भी गर्भवती महिला को उफनती नदी पार कराने के लिए ग्रामीणों को खाट का सहारा लेना पड़ा था। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि जिले के ऐसे सभी क्षेत्रों में पुल-पुलिया निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कराए जा रहे हैं। तीन स्थानों पर खनिज मद की राशि से पुल बनाए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।