भोपाल | मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट मंडरा रहा है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों दल कल विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट की तैयारी में जुट गए हैं. कल रात राज्यपाल लालजी टंडन ने सरकार को विधानसभा में विश्वासमत प्रप्त करने का निर्देश दिया है. ऐसे में एमपी में कमलनाथ सरकार का काउंटडाउन शुरू हो गया है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपनी अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं.
फ्लोर टेस्ट पर 16 मार्च को ही फैसला
इस बीच मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा है कि उन्हें बागी विधायकों की चिंता है. स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा, 'मैं विधायकों का संरक्षक हूं. मैं चिंतित हूं. माननीय सदस्यों के साथ क्या हो रहा है? लोकतंत्र को लेकर चिंतित हूं. हमारे प्रदेश में भी कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है. पक्ष और विपक्ष के बीच मैं निष्पक्ष हूं. कल फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं, ये कल ही तय किया जाएगा. सत्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर राज्यपाल आदेश दे सकते हैं या नहीं इसकी व्याख्या मैं कल ही करूंगा.'
विधायकों मिलकर इस्तीफा सौंपे:स्पीकर
एनपी प्रजापति ने कहा, 'मैंने तीसरे दिन भी सभी बागी विधायकों के उपस्थित होने का इंतजार किया. बागी विधायक सीधे आकर मुझसे संपर्क क्यों नहीं कर रहे हैं?' आपको बता दें कि स्पीकर एनपी प्रजापति ने शनिवार को कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे 6 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे. बाकी 16 बागी विधायकों को उन्होंने फिजकली उपस्थित होकर इस्तीफा देने का निर्देश दिया.
बेंगलुरु में हैं कांग्रेस के 19 बागी विधायक
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद कुल 22 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा था. हालांकि ये सारे इस्तीफे ईमेल के जरिए भेजे गए थे. इनमें से 6 के इस्तीफे मंजूर किए जा चुके हैं. कांग्रेस के कुल 19 बागी विधायक बेंगलुरु में हैं. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने इन विधायकों को बंधक बनाकर रखा है. वहीं भाजपा ने इन आरोपों का खंडन किया है. ये सभी विधायक सिंधिया समर्थक हैं.