रेल पटरी के सहारे बिहार के छपरा जा रहे पांच मजदूरों को बदमाशों ने बुधवार तड़के लूट लिया। हालांकि, बहादुरी दिखाते हुए मजदूरों ने एक बदमाश को मौके पर ही पकड़ लिया। बाद में पटेल नगर पुलिस ने दो और बदमाशों को एक नाबालिग के साथ धर दबोचा।
मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया में छपरा निवासी विजय अपने चार दोस्तों के साथ काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनका काम बंद हो गया। रुपये खत्म होने पर पांचों युवक बुधवार तड़के मायापुरी से पैदल छपरा के लिए चल दिए। चूंकि रास्ता नहीं मालूम था, इसलिए उन्होंने रेल पटरी का सहारा लिया। अभी वह पटेल नगर में पहुंचे थे, तभी बदमाशों ने चाकू की नोक पर उनसे रुपये और मोबाइल लूट लिए, लेकिन मजदूरों ने अमर नाम के बदमाश को पकड़ लिया, जबकि उसके साथ भाग निकले। फिर पीड़ितों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई और एसआई सोहन लाल को जांच सौंपी गई। पुलिस ने अमर की निशानदेही पर सोनू और अर्जुन को बुधवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। लूट का सामान रखने वाले एक नाबालिग को भी धर दबोचा।
पुलिस के डर से पकड़ी थी पटरी : मायापुरी में रह रहे पांचों मजदूर पहले सड़क मार्ग से घर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस के डर से ऐसा नहीं कर पाए। वे छपरा जाने के लिए घर से निकले तो पुलिस ने टोक दिया। इसके बाद उन्होंने रेल की पटरी पकड़ ली, लेकिन उन्हें रेलवे पटरी पर ही लूट लिया गया और पुलिस ने दोबारा मायापुरी इलाके में भेज दिया है।
पीड़ित मजदूरों में से एक विजय ने बताया कि लॉकडाउन में एक-एक दिन बड़ी मुश्किल से बीत रहा है। हम रोटी के लिए दूसरे पर निर्भर हैं। दूसरे पीड़ित संतोष का कहना था कि अब तो ऐसा लगने लगा था कि कोरोना से हम सभी यहीं मर जाएंगे, इसलिए पैदल ही घर निकलने का निर्णय लिया। वहीं, पीड़ित पंकज ने बताया कि पहले सोचा था कि सड़क मार्ग से रास्ता पूछते-पूछते चले जाएंगे, मगर रिंग रोड के पास पहुंचे पुलिस ने उन्हें डांटकर भगा दिया। फिर तय किया कि रेल पटरी के सहारे आगे बढ़ेंगे।अगर कहीं पर ट्रेन आने की सूचना होगी तो रुक जाएंगे। वरना आगे बढ़ते जाएंगे, कमरे से छह किमी आगे ही लुटेरों का शिकार बन गए।
सिर दर्द की गोली खरीदने को भी रुपये नहीं :अब इस घटना के बाद से इन मजदूरों के पास एक भी रुपया नहीं बचा है।पुलिस ने बरामद माल को केस प्रॉपर्टी बना लिया है।
रेल पटरियों पर रात को दिखते हैं लोग: बादली गांव के पास पानीपत-दिल्ली रेलवे लाइन पर दोपहर 12 बजे कड़ी धूप के बीच रेल पटरी खाली पड़ी थीं। यह इलाका हरियाणा सीमा से 15 किमी दूरी पर है। दिल्ली-हरियाणा सीमा के आसपास रहने वाले प्रवासी इस ट्रैक का उपयोग करते हैं। बादली गांव के रहने वाले राजकुमार ने बताया कि कभी-कभी शाम 7 बजे के आसपास लोगों का समूह जरूर इस पटरी पर दिखाई देता है। यह सिलसिला रातभर चलता है। वह बताते हैं कि ये लोग हरियाणा से पैदल ही अपने घरों को जाते हैं।