केंद्र सरकार ने कोरोना संकट के चलते मौजूदा वित्त वर्ष के उधारी कैलेंडर में इजाफा कर दिया है। अब सरकार ने वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का फैसला किया। यह रकम पहले से तय कार्यक्रम से 4.20 लाख करोड़ रुपये ज्यादा होगी।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक पहली छमाही में मई 11 से लेकर 30 सितम्बर तक कुल छह लाख करोड़ की बाजार से उधारी ली जाएगी। बदले उधारी कैलेंडर के हिसाब से सरकारी सिक्योरिटीज या बॉन्ड जारी कर सरकार रकम जुटाएगी। जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष की बची हुई छमाही में सरकार तकरीबन हर हफ्ते 30 हजार करोड़ रुपये की रकम जुटाएगी।
पहले के उधारी कैलेंडर के हिसाब से ये रकम 19000-21000 करोड़ रुपये हुआ करती थी। जानकारों की राय में बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी होने और मौजूदा दौर में कर्ज की मांग में कमी के चलते सरकार के उधारी कार्यक्रम में कोई मुश्किल नहीं आएगी।
कोरोना संकट और लंबे समय से देश में चल रहे लॉकडाउन की वजह से सरकारी खजाने पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है। इन हालात में जहां आर्थिक गतिविधिया ठप पड़ी हैं, आने वाले दिनों में टैक्स से होने वाली आय में भी कमी देखने को मिल सकती है। ऐसे में सरकार के पास उधारी बढ़ाने के अलावा बेहतर विकल्प फिलहाल नहीं दिख रहा था। आने वाले दिनों में सरकार को अलग-अलग सेक्टर के लिए आर्थिक पैकेज और दूसरी आर्थिक गतिविधियों के लिए इस उधारी से मदद मिलेगी।