स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ दो सरकारी संस्थाओं एम्स और आईसीएमआर ने संकेत दिए हैं कि अगर लॉकडाउन खत्म किया गया तो, स्थिति भयावह हो सकती है. संस्थाओं का कहना है कि अभी लॉकडाउन में छूट देना आत्महत्या के समान होगा. वहीं एम्स के निदेशक तो ये तक कह चुके हैं कि अभी भारत में कोरोना मामले का सर्वोच्च आना बाकी है. उन्होंने जून-जुलाई में सबसे अधिक आफत आने की बात कही है.
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया कह चुके हैं कि कोरोनावायरस का पीक ऑवर जून और जुलाई में होगा. उस समय भारत में कोरोना के सर्वाधिक मामले बढ़ेंगे. ऐसे में लॉकडाउन को खत्म नहीं किया जाना चाहिए. वहीं इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल भी लॉकडाउन में राहत देने के खिलाफ है.
वहीं आईसीएमआर के एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शराब में छूट देना एक गलत फैसला है. इससे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं. बता दें कि दिल्ली में लॉकडाउन में राहत देने का विरोध स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी कर चुके हैं. हर्षवर्धन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि ये फैसला गलत है और इससे कोरोनावायरस मरीजों की संख्या बढ़ेगी.
तीसरे Lockdown में है देश- देश में कोरोनावायरस के खतरे के कारण तीसरी बार लॉकडाउन लगाया गया है. सबसे पहले 14 अप्रैल तक 21 दिनों के लिए लॉकडाउन बढ़ाया गया था, उसके बाद फिर दूसरा लॉकडाउन 3 मई बढ़ाया गया था. और अब तीसरा लॉकडाउन चल रहा है हालांकि इसमें सरकार ने कुछ रियायतें भी दी हैं.
24 घंटे में 3300 से अधिक नये केस
देश में 24 घंटे में कोरोनावायरस से 103 लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोरोना मरीजों की संख्या अब 56342 हो गयी है. 24 घंटे में 3300 से अधिक नये केस सामने आये हैं.