कोरोना वायरस पर SAARC देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंस में बोले PM मोदी- 1400 भारतीयों को हमने अलग-अलग देशों से निकाला

Posted By: Himmat Jaithwar
3/15/2020

चीने से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से पांव पसार रहा है। कोरोना वायरस के वैश्विक असर को देखते हुए आज सार्क देशों के सदस्यों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रणनीति पर चर्चा की। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सार्क देशों को संबोधित किया और कहा कि विकासशील देशों के सामने यह बड़ी चुनौती है। हमने इससे निपटने के िलए समय-समय पर कदम उठाए हैं। दरअसल, कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए पीएम मोदी ने सार्क (दक्षेस) देशों के सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए रणनीति बनाने और चर्चा करने का प्रस्ताव दिया था। 

पीएम मोदी ने शुक्रवार को आठ सदस्यीय इस क्षेत्रीय संगठन से संपर्क किया था और इस विषाणु का मुकाबला करने के लिए ठोस रणनीति बनाने के लिये दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के नेताओं के बीच वीडियो कांफ्रेंस की वकालत की थी। उनके सुझाव का दक्षेस के सभी सदस्य देशों ने समर्थन किया था।

पाकिस्तान की ओरे से प्रधानमंत्री के विशेष स्वास्थ्य सहायक डॉ. जफर मिर्जा ने तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने के वास्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार यानी आज प्रस्तावित दक्षेस के सदस्य देशों के वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा लिया।

इस घातक विषाणु के चलते 135 से अधिक देशों और क्षेत्रों में 5700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 150,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं। सबसे अधिक मार चीन पर पड़ी है जहां 80000 से अधिक लोग इस संक्रमण के शिकार हुए और 3199 मौतें हो गईं।

पाकिस्तान में कोरोना वायरस से किसी की मौत नहीं हुई है जबकि भारत में दो लोगों की जान चली गई है। पाकिस्तान में इस बीमारी के 34 मामले सामने आये हैं जबकि भारत में 107 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। अफगानिस्तान में इस रोग के 11 मामले सामने आये जबकि श्रीलंका में दस मामलों की पुष्टि हुई है। मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में एक-एक मामले सामने आये। 

कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए दक्षेस देशों की संयुक्त रणनीति पर मोदी द्वारा बल दिया जाना इस मायने में अहम है कि पिछले तीन सालों में भारत पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क से इस क्षेत्र के लिए उत्पन्न सुरक्षा चुनौती का हवाला देकर दक्षेस से दूरी बनाकर चलता रहा है। दक्षेस की पिछली बैठक 2014 में नेपाल के काठमांडू में हुई थी जिसमें मोदी ने शिरकत की थी।



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