इंदौर। इंदौर में 36 साल के युवक हरीश की मंगलवार शाम कोराेना संक्रमण से मौत हो गई। विडंबना देखिए कि पत्नी, बच्चे और भाई, पिता, माता सब साथ मिलकर रो भी नहीं पाए। हरीश को न तो हाथ लगा सके, न ही बच्चे मुखाग्नि दे पाए। नगर निगम का अमला हरीश के शव को अस्पताल से सीधे मुक्तिधाम ले गया और दाह संस्कार कर दिया। परिवार के लोग अंतिम समय की रस्में भी नहीं कर पाए। आधा परिवार तिलकपथ पर गमगीन था तो बाकी परिवार हेमू नगर में विलाप कर रहा था। मोबाइल पर ही हरीश के चले जाने का वियोग मनाते रहे।
हरीश गैस सिलेंडर बांटने का काम करता था। कब संक्रमित हुआ यह तो परिवार को भी पता नहीं चला। उसकी तबीयत खराब थी, लेकिन उसने स्वास्थ्य विभाग को खबर नहीं की। खुद ही मेडिकल से दवाई लेकर इलाज कर रहा था। हालत ज्यादा खराब हुई तो 2 मई को वह अस्पताल में भर्ती हो गया। बीमारी की हालत में भी हरीश ने कई घरों में सिलेंडर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग अब इनकी भी जानकारी जुटा रहा है कि किन लोगों ने सिलेंडर लिए। लोगों को घर में ही क्वारेंटाइन रहने और सेहत पर नजर रखने के लिए कहा है।
3 मई को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 5 मई को उसका देहांत हो गया। बेटे का दुख भी साथ बैठकर नहीं मना पा रहा परिवार हरीश के निधन के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे परिवार को क्वारेंटाइन कर दिया है। परिवार दुख में था और विभाग ने सभी को घर में अलग-अलग रहने के लिए कह दिया। पत्नी, बच्चे रो रहे थे, आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। उधर, स्वास्थ्य विभाग का अमला उसी हालत में सैंपल जुटा रहा था। परिवार की जिम्मेदारी हरीश पर ही थी।