भोपाल | मध्य प्रदेश का सियासी घमासान अंतिम चरण में पहुंच गया है। जयपुर से पांचवे दिन कांग्रेस के 86 में से 85 विधायक रविवार को भोपाल पहुंचे। एक एमएलए दो दिन पहले ही भोपाल आ गए थे। 85 विधायकों को एयरपोर्ट से होटल मैरियट ले जाया गया। दोपहर में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट मीटिंग की। इसके बाद तीन मंत्री विधायकों से मिले। बाद में एक मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा,“ हमारे पास बहुमत है। इंतजार करें और देखें। कल परीक्षा यानी फ्लोर टेस्ट हो ये जरूरी नहीं। अभी तो कोरोना चल रहा है।” हालांकि,दो मंत्रियों सज्जन सिंह और ओमकार सिंह मरकाम ने सोमवार को फ्लोर टेस्ट होने का भरोसा जताया। आज शाम विधायक दल की बैठक भी संभव है।
एक विधायक कुणाल चौधरी ने दैनिक भास्कर से कहा- 99 विधायक हमारे पास हैं। बाकी भी आ जाएंगे। संख्या बल हमारे साथ होगा। बता दें कि राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है।
दूसरी तरफ, भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने रविवार सुबह कहा कि प्रदेश की राजनीति में कुहासे के बादल छंटते जा रहे हैं। कांग्रेस के 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने पर मिश्रा ने कहा- विधानसभा अध्यक्ष ने जिस प्रकार विधायकों को नोटिस दिए थे, उसी तरह से कार्रवाई की है। अध्यक्ष आज भी कुछ निर्णय ले सकते हैं। शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। भाजपा ने रविवार को अपने विधायकों को सोमवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए व्हिप भी जारी कर दिया।
सभी विधायकों का कोरोनावायरस टेस्ट होगा
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री पीसी. शर्मा ने कहा, “जयपुर से भोपाल लौटे हमारे सभी विधायकों का मेडिकल टेस्ट होगा। कैबिनेट मीटिंग में हमने इस पर विचार किया। हरियाणा और बेंगलुरु में मौजूद विधायकों का भी टेस्ट होना चाहिए।”
भाजपा विधायक दल की बैठक भी आज हो सकती है
रविवार को ही भाजपा विधायक दल की बैठक भी हो सकती है। शिवराज सिंह चौहान फिलहाल दिल्ली में हैं। हरियाणा के मानेसर में एक रिजॉर्ट में ठहरे भाजपा विधायक भी रविवार शाम तक भोपाल पहुंच सकते हैं। वहीं, बेंगलुरु में मौजूद ज्योतिरादित्य समर्थक 22 विधायकों के बारे में खबर हैं कि ये सोमवार को फ्लोर टेस्ट के कुछ देर पहले विधानसभा पहुंचेंगे।
16 विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर को फैसला लेना बाकी
शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ने सिंधिया समर्थक 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। 16 पर फैसला बाकी है। अगर इनके इस्तीफे भी मंजूर होते हैं तो कांग्रेस के पास कुल 99 विधायक रह जाएंगे। विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 206 हो जाएगी। बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा जरूरी होगा।