नई दिल्ली। भोपाल गैस कांड की रूह कंपा देने वाली यादें ताजा हो रही है। 7 मई 2020 को ठीक वैसा ही मंजर दिखाई दे रहा है जैसा 3 दिसम्बर 1984 को दिखाई देना शुरू हुआ था। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलीमर्स इंडस्ट्री से जहरीली गैस लीक हुई है। समाचार संग्रहण की शुरुआत में इससे प्रभावित लोगों की संख्या 2000 बताई गई थी, समाचार पूरा करते-करते मात्र 35 मिनट की अवधि में यह संख्या 5000 हो गई। पहली खबर दो लोगों की मौत की आई थी। सुबह 10:00 बजे से पहले एक मासूम सहित 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
एलजी गैस कांड का विवरण
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार को दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक फार्मा कंपनी में ज़हरीली गैस लीक हो गई, जिसके बाद हालात काफी खराब हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन और भारत की जल सेना यहां आसपास के इलाके को खाली कराने में जुटी है। सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर देखा जा रहा है। समाचार लिखे जाने तक 5000 लोगों के प्रभावित होने और 8 लोगों की मृत्यु हो जाने की खबर है। मरने वालों में एक मासूम बच्चा भी शामिल है।
भोपाल गैस कांड क्या है
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल शहर में 3 दिसम्बर 1984 को बिल्कुल ऐसी ही घटना हुई थी। इसे भोपाल गैस कांड, या भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगो की जान गई तथा 5 लाख से ज्यादा लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए। भोपाल गैस काण्ड में मिथाइलआइसोसाइनाइट (MIC) नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। जिसका उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था।