यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर और उनके परिवार के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोप में फाइल होगी चार्जशीट

Posted By: Himmat Jaithwar
5/7/2020

मुंबई. यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर और उनके परिवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुंबई में मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत स्पेशल कोर्ट में पहली चार्ज शीट फाइल कर सकता है। इस चार्ज शीट में राणा कपूर और उनके परिवार के खिलाफ आरोप होंगे। जिसमें राणा कपूर की 3 बेटियों, उनकी पत्नी और उनकी कंपनियों को आरोपी बनाया जा सकता है। इसमें बिंदू कपूर, राखी कपूर, रोशनी, राधा कपूर, मोर्गन क्रेडिट, आरएबी इंटरप्राइजेज आदि का समावेश है।

8 मार्च को राणा कपूर को गिरफ्तार किया गया था

आरोपी उन लोगों को बनाया जाएगा, जिनको इस पूरे मामले से लाभ हुआ है। ईडी का आरोप है कि राणा कपूर और उनके परिवार के साथ उनकी कंपनियों को लाभ हुआ है। यस बैंक ने साल 2018 में डीएचएफएल के साथ लेन-देन किया था,जिसमें सीबीआई फ्रॉड की जांच कर रही थी। जबकि ईडी मनी लांड्रिंग की जांच कर रही थी। 8 मार्च को ईडी ने पूछताछ के बाद राणा कपूर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने अब तक राणा कपूर, उनके परिवार और अन्य कंपनियों से जुड़े 168 बैंक खातों को अटैच किया है जिसमें 52 करोड़ रुपए मिले हैं।

प्रियंका गांधी ने राणा कपूर को 2 करोड़ रुपए में बेची थी पेंटिंग

जानकारी के मुताबिक पहली चार्जशीट में कुल 5,050 करोड़ रुपए के आरोप हो सकते हैं। ईडी ने इसी तरह 3 करोड़ रुपए के म्यूचुअल फंड अकाउंट, एमएफ हुसैन द्वारा राजीव गाँधी की पेंटिंग के साथ कुल 4 करोड़ रुपए की 59 पेंटिंग को भी अटैच किया है। इस पेंटिंग को प्रियंका गांधी वाड्रा ने 2010 में 2 करोड़ रुपए में राणा कपूर को बेचा था।

ज्यादातर लोन डीएचएफएल को दिया गया

ईडी के आरोप के मुताबिक राणा कपूर जब यस बैंक के एमडी एवं सीईओ थे, उस समय (अप्रैल-जून 2018) के दौरान 3,700 करोड़ रुपए का लोन उन्होंने डीएचएफएल को दिया था। इसमें से डीएचएफएल ने वापस राणा कपूर के परिवार की 100 प्रतिशत मालिकाना हक वाली दूसरी कंपनी ड्यूट अर्बन वेंचर्स को 600 करोड़ रुपए का लोन दे दिया। यह कंपनी राणा कपूर की बेटियों रोशनी कपूर और राधा कपूर के नाम पर है।  ईडी के अनुसार यह लोन दो प्रॉपर्टी के कोलैटरल के तौर पर दिया गया था। इस जमीन की वास्तविक कीमत तकरीबन 39.66 करोड़ रुपए है, लेकिन इसे बढ़ा चढ़ा कर 735 करोड़ रुपए दिखाया गया।

कृषि जमीन को भविष्य की कीमत के आधार पर दिया गया लोन

ईडी के आरोप के मुताबिक उपरोक्त जमीन कृषि की जमीन थी। लेकिन इसे भविष्य में रिहायशी जमीन बताकर इसकी कीमत बढ़ा दी गई थी। इस जमीन में से 7.79 एकड़ जमीन अलीबाग में है और 91.63 एकड़ रायगढ़ में है। डीएचएफएल ने इसकी कीमत 485 करोड़ रुपए बताई। इसी तरह यस बैंक ने 750 करोड़ रुपए बिलीफ रियल्टर्स को दिया था जो डीएचएफएल समूह की कंपनी थी। 1,200 करोड़ रुपए का लोन डीएचएफएल की एक अन्य कंपनी आधार हाउसिंग को भी दिया गया था।

आरबीआई ने स्पेशल ऑडिट करके रोका लोन 

दरअसल बिलीफ रियल्टर्स को 27 सितंबर 2018 को लोन दिया गया था। उससे पहले अगस्त 2018 में एमसीसी यानी मैनेजमेंट क्रेडिट कमिटी ने 950 करोड़ रुपए का अतिरिक्त लोन इसी कंपनी के लिए मंजूर किया था। चूंकि लोन की राशि कुल मिलाकर 1700 करोड़ रुपए हो रही थी इसलिए बोर्ड क्रेडिट कमिटी की इसको मंजूरी चाहिए थी। लेकिन इसे मीटिंग में डिस्कस नहीं किया गया। 29 अगस्त 2018 को 950 करोड़ रुपए का लोन एमसीसी ने आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स को दे दिया। यह लोन तब घेरे में आ गया, जब लोन डाक्यूमेंट पूरा हुए बिना एमसीसी ने इस कर्ज को मंजूरी दे दी। इसी बीच रिजर्व बैंक ने एक स्पेशल ऑडिट कराने का फैसला किया और उसके बाद आरकेडब्ल्यू का यह लोन कैंसल कर दिया गया।

यस बैंक ने जिन कंपनियों को कर्ज दिया उसमें काफी का लोन एनपीए हो गया। इसमें प्रमुख रूप से अनिल धीरूभाई अंबानी समूह, एस्सेल ग्रुप, कॉक्स एंड किंग्स, रेडियस डेवलपर्स, सहाना डेवलपर्स, ओमकार ग्रुप, अवंथा ग्रुप आदि का समावेश है।



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