इंदौर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे श्री आकाश विजयवर्गीय एक बार फिर सुर्खियों में है। आज उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि यह बैठक भारतीय जनता पार्टी कि केंद्रीय गाइडलाइन और इंदौर रेड जोन के लिए जारी की गई सरकारी गाइडलाइन का उल्लंघन है।
भाजपा की केंद्रीय गाइड लाइन क्या है
कोरोनावायरस के इन्फेक्शन को रोकने के लिए भारत में लॉक डाउन की घोषणा से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा ने पार्टी की गाइडलाइन जारी की थी। घोषित किया गया था कि भारतीय जनता पार्टी किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं करेगी। यहां तक कि विरोध प्रदर्शन भी नहीं करेगी। उसके बाद से लेकर अब तक सभी प्रकार की मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जा रही है। विधायक श्री आकाश विजयवर्गीय द्वारा कार्यकर्ताओं को एक साथ एकत्रित करके बैठक का आयोजन करना भाजपा की केंद्रीय गाइडलाइन का उल्लंघन है।
इंदौर रेड जोन की गाइड लाइन क्या है
इंदौर में कोरोनावायरस के इंफेक्शन का शिकार मरीजों की संख्या 1600 से ज्यादा है। यह आंकड़ा मध्य प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या का 50% से अधिक है। कलेक्टर इंदौर द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार शहर में किसी भी प्रकार का राजनैतिक, धार्मिक या फिर सामाजिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता। किसी भी शर्त पर नहीं। यदि ऐसा किया गया तो राष्ट्रीय आपदा अधिनियम 2005 का उल्लंघन होगा। ऐसे कार्यक्रम में शामिल लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा: किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ
इंदौर.शहर के पाटनीपुरा क्षेत्र के मित्तल मांगलिक भवन में 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं बुलाकर उनकी बैठक ली। बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय अपनी इस बैठक को जायज ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि गरीबों को राशन बंटवाने की व्यवस्था बनाने के लिए उन्होंने ये बैठक बुलाई थी जिसमें विधानसभा क्षेत्र 3 के सभी वार्ड से 5-5 लोग बुलाए गए थे। सभी कार्यकर्ताओं के पास कर्फ्यू पास है इसमें किसी तरह के लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं हुआ। आकाश विजयवर्गीय का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को अपनी जनता की फिक्र करनी ही पड़ेगी।
कलेक्टर पर कार्रवाई के लिए दवा
विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा आयोजित की गई इस मीटिंग का सोशल मीडिया पर जबरदस्त विरोध देखा जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी को भी मुद्दा मिल गया है। लोगों का कहना है कि पूरे प्रदेश में अनुमति के बावजूद इंदौर में शराब बिक्री तक बंद है। विवाह और अंतिम संस्कार जैसे कार्यक्रमों में सिर्फ 5 लोगों को अनुमति दी जा रही है तब एक विधायक को मीटिंग करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है। सोशल मीडिया पर कानून के विशेषज्ञों का कहना है कि किसी के पास कर्फ्यू पास होने का मतलब किसी समारोह या मीटिंग में शामिल होने की अनुमति नहीं होता।