जबलपुर। प्रदेश की जिला व तहसील न्यायालयों में आगामी आदेश तक सुबह 11 से दोपहर दो बजे तक कामकाज होगा। इस बारे में उच्च न्यायालय प्रशासन द्वारा मंगलवार को एक नई एडवाजरी जारी की है। चीफ जस्टिस के आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल राजेन्द्र कुमार वाणी द्वारा जारी एडवायजरी में कहा गया है कि जरूरतों के मुताबिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के प्वाईंट बढ़ाए जा सकते हैं।
प्रत्येक अदालतों को सुनवाई के लिए लगाए जाने वाले मुकदमों की सूची तैयार कराकर बेवसाईट पर उपलब्ध कराना होगी। प्रत्येक कार्यदिवस पर मुकदमों की संख्या सीमित रखी जाएगी और उनमें अर्जेन्ट मुकदमों का प्राथमिकता दी जाए। साथ ही साथ अधिवक्ताओं को इस बात के लिए प्रेरित किया जाए कि वे अपने घर या कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में अपना पक्ष पेश करें।
वहीं उच्च न्यायालय प्रशासन द्वारा जारी की गई एडवायजरी पर जिला अधिवक्ता संघ ने असहमति जताई है। जिला बार ने साफ किया है कि इस एडवायजरी के तहत यदि 17 मई तक एडवायजरी के तहत न्यायालयों में काम किया जाता है तो अधिवक्ता वर्ग की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला बार न्यायिक कार्य से विरत रहेगा। संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक, सचिव राजेश तिवारी के अनुसार जबलपुर रेड जोन में शामिल है। शहर में 12 कंटेनमेंट एरिया हैं और अधिकांश अधिवक्ता इन्हीं क्षेत्रों में रहते हैं। जिला प्रशासन ने दो और चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में यदि अधिवक्ता पैरवी के लिए कोर्ट आते हैं और यदि रास्ते में उन्हें रोकने पर विवाद की स्थिति बन सकती है। इन आधारों पर जिला बार ने 17 मई तक एडवायजरी के तहत काम करने पर असमर्थता जताई है। मंगलवार को जिला बार की कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी जिला सत्र न्यायधीश व हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को भेजी गई है।