भोपाल। लॉकडाउन के चलते सामान्य लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं लेने में कई दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों में अस्पताल जाने में एक झिझक भी है, व्यवाहारिक रूप से अभी अस्पतालों में भीड लगाना उचित भी नहीं है। पूर्व में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मध्यप्रदेश द्वारा टेलीमेडिसिन के माध्यम से होम क्वेरेण्टाईन लोगों को चिकित्सीय सलाह एवं परामर्श हेतु 51 जिलों में टेलीमेडिसिन सुविधाएं प्रारंभ की थी। इसी क्रम में अन्य बिमारियों के लिये प्रदेश के जिला चिकित्सालय में विश फाउण्डेशन के तकनीकी सहयोग से ई संजीवनी ओपीडी प्रारंभ की जा रही है। लोगों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएं चिकित्सीय परामर्श एवं उपचार ई-संजीवनी मे माध्यम से उपलब्ध होंगी।
जैसा कि ई-संजीवनी नाम से स्पष्ट है, यह स्वास्थ्य सेवाएं ऑनलाईन सेवाएं होंगी और इसके लिये मरीज को टेबलेट, लेपटॉप या डेस्कटॉप जिसमें वेब केमरा, स्पीकर, माईक एवं इंटरनेट हो, की आवश्यकता होगी, ताकि वह चिकित्सक से सीधा ऑडियो-विजुअल संवाद स्थापित कर सके। ई-संजीवनी का ओपीडी समय प्रात- 9 बजे से दोपहर एक बजे तक रहेगा।
उक्त उपकरणों की सहायता से मरीज को सर्वप्रथम ई-संजीवनी ओपीडी की वेबसाइट (इसकी डायरेक्ट लिंक पोस्ट के सबसे नीचे उपलब्ध कराई है) पर ‘पेशेंट रजिस्टर’ पर अपने मोबाईल नंबर की सहायता से पंजीकृत कर ओटीपी प्राप्त करना होगा। ओटीपी इण्टर करने के पश्चात ‘पेशेंट रजिस्टेशन एवं टोकन जनरेशन’ में नाम, पता, आयु संबंधी जानकारी दर्ज करना होगी। यदि कोई रिपोर्ट/एक्स-रे आदि डाक्टर को बताना चाहते हैं तो उसे भी अपलोड करना होगा। यहॉ ‘ओके’ करने के बाद आपको पंजीकृत मोबाईल नंबर पर टोकन प्राप्त होगा, जो कि मरीज की वेटिंग लिस्ट को दर्शाता है।
एस एम एस के आधार पर प्राप्त टोकन नंबर के माध्यम से ‘लाग-इन’ कर कतार में अपनी बारी का इंतजार करें, अपनी बारी आने पर ‘कॉल नाउ’ विकल्प को चुने एवं चिकित्सक से संवाद प्रारंभ करें। संवाद पूर्ण होने के पश्चात आपको आवश्यकतानुसार दवा की पर्ची का ई-प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त होगा, जिसके आधार पर आप दवाई खरीद सकते हैं।
आवश्यकता के आधार पर डॉक्टर मरीजों को अस्पताल हेतु रेफर करने की सलाह भी दे सकते हैं। इस प्रकार यह ई-संजीवनी ओपीडी की प्रक्रिया पूर्ण होगी, और लोग घरों से ही स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे।