कोरोना महामारी के चलते 86 फीसद लोगों को अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा है। एक सर्वे में यह बात निकल कर आई है कि घातक COVID-19 महामारी के कारण लोग अपनी नौकरी और आजीविका खोने से चिंतित हैं। इसके अलावा 84 प्रतिशत लोगों को यह विश्वास है कि महामारी अभी भी अपने शुरुआती चरण में है और तेजी से तेजी से बढ़ रही है। वह भी यह धारणा तब है, जब अमेरिका में 68,000 से अधिक लोग कोरोना की वजह से जान गंवा चुके हैं और 1.3 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित हैं। वहीं ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के लोगों का मानना है कि महामारी अब उतार पर है, जबकि हॉन्गकॉन्गर्स का मानना है कि वायरस पहले से काबू में है।
84 फीसद लोग मोदी सरकार से संतुष्ट
सबसे ज्यादा चिंता लोगों को जॉब लॉस के बारे में है। क्योंकि 86 प्रतिशत लोग अपनी नौकरी और आजीविका को लेकर चिंतित हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि ब्रिटेन में 31 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में 33 प्रतिशत , अमेरिका में 41 प्रतिशत और सबसे ज्यादा 71 प्रतिशत हांगकांगवासियों को कोरोना और लॉकडाउन की वजह से नौकरी जाने का डर है।
पांच देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, ऑस्ट्रेलिया और हांगकांग) के चौथे चरण के अनुसार, ब्रिटिश शोध फर्म क्रॉस्बी टेक्स्टोर (सीटी) समूह द्वारा 23 और 27 अप्रैल के बीच ऑनलाइन ओपिनियन पोल किया गया। भारत के 84 फीसद लोग मोदी सरकार से संतुष्ट हैं। सरकार जिस तरह इस महामारी से निपट रही है उससे मतदान करने वाले 84 प्रतिशत भारतीय बहुत संतुष्ट हैं।
अमेरिकियों को अपने सरकार के प्रयासों पर कम भरोसा
वहीं अमेरिका के लोग 43 प्रतिशत, ब्रिटेन के 56 प्रतिशत, हांगकांग में 53 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया के 71 प्रतिशत लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार के प्रयासों से संतुष्ट हैं। इसके अलावा चीनी परीक्षण किट बेकार होने के बावजूद 68 प्रतिशत भारतीय इस बात से सहमत हैं कि सरकार चिकित्सा उपकरणों को संभालने के लिए सही कदम उठा रही है। इसकी तुलना में ब्रिटेन में 17 प्रतिशत, अमेरिका में 3 प्रतिशत, हांगकांग में 22 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया में 60 प्रतिशत लोग सरकार के कदम को सही मान रहे हैं। सामान्य स्थिति में लौटने की उनकी उम्मीद पर अधिकांश आशावादी हैं और मानते हैं कि सामान्य जीवन दो से चार महीनों में वापस आ जाएगा।