रतलाम। भाजपा से जुड़े डॉ राजेश शर्मा के कॉलेज आए दिन विवादों में घिरे रहते हैं इस कॉलेज के छात्राओं द्वारा आए दिन आत्महत्या और सोसाइट जैसे कदम उठाए जाते हैं सालों से ये कॉलेज इन्हीं कारणों से बदनाम रहा है और कॉलेज के संचालक डॉ राजेश शर्मा पर कई गंभीर आरोप भी लगे है। लेकिन धन बल और राजनीतिक प्रभाव के कारण वह हर बार बच निकलते हैं डॉ राजेश शर्मा पर कई बार ज्यादा फीस वसूलने और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लग चुके हैं कोविड-19 में भी डॉ राजेश शर्मा पर इलाज में लापरवाही और मरीजों को ऑक्सीजन ज्यादा देने के साथ ही लाखों रुपए के बिल वसलूने के आरोप लगे थे लेकिन उसमें भी जांच को गोलमाल कर रफा-दफा कर दिया पूर्व में भी डॉ शर्मा के कॉलेज के कई छात्र-छात्राएं आत्महत्या कर चुके हैं। और उन छात्र-छात्राओं के परिवार वालों ने कॉलेज संचालक पर कई आरोप भी लगाए लेकिन धन बल और राजनीतिक प्रभाव के कारण हर बार डॉक्टर राजेश शर्मा जांच को प्रभावित कर उससे बच निकले और अपनी कॉलर साफ कर ली। पिछले दिनों एक छात्र के आत्महत्या के मामले में भी रतलाम कलेक्टर में 5 सदस्य जांच दल बनाया है। अब देखना यह है कि यहां जांच दल रतलाम कलेक्टर के भरोसे पर कितना खरा उतरता है और निष्पक्ष कार्रवाई करता है या इस जांच को भी गोलमल घुमा कर पूर्व की जांच और की तरह ही खत्म कर दिया जाएगा।