नई दिल्ली. सोमवार से देशभर में लॉकडाउन का तीसरा चरण (Lockdown 3) शुरू हो गया है. बीते एक मई से गृह मंत्रालय के निर्देश पर इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजूदरों (Migran Workers) को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए कई ट्रेनें शुरू कर दी है. इन स्पेशल ट्रेनों को 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' (Shramik Special Train) का नाम दिया गया है. रेल मंत्रालय के मुताबिक सोमवार तक इस तरह के 58 स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की जा चुकी हैं. अगर रेल मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो अगले कुछ दिनों में इंडियन रेलवे इस तरह की 300 और ट्रेनें चलाने की मांग आ सकती है, जिसके लिए रेलवे की तैयारी पूरी है. 300 ट्रेनें चलाने पर कर रही है विचार रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इसके लिए केवल भेजने वाले और पाने वाले राज्य ही आपस में बात कर ट्रेन चलवाने की मांग कर सकते हैं. इन ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों के अलावा विभिन्न राज्यों में फंसे स्टूडेंट्स, शरणार्थी, टूरिस्ट को भी घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है. इन ट्रेनों में किराया वसूलने के नाम पर विवाद भी शुरू हो गया है. आरोप ये हैं कि विदेशों में फंसे लाखों लोगों को एयर इंडिया मुफ्त में भारत लेकर आई, लेकिन गरीब मजदूरों से गांव जाने के पैसे वसूले जा रहे हैं. हालांकि, विवाद केवल किराये को लेकर ही नहीं है बल्कि किराये पर 50 रुपये एक्स्ट्रा चार्ज की वसूली पर भी है. इंडियन रेलवे ने पहले ही कह रखा है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन का केवल एक गंतव्य होगा. यह ट्रेन बीच में कहीं नहीं रुकेगी. श्रमिक स्पेशल ट्रेन 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए चलेंगी. इस तरह की हर ट्रेन में 1000 से 1200 यात्रियों को बैठने की सुविधा होगी. रेलवे के मुताबिक फंसे हुए लोगों को ले जाने के लिए क्षमता की 90 प्रतिशत मांग होने पर ही विशेष श्रमिक ट्रेन चलाई जाएंगी. यूपी, बिहार और झारखंड के श्रमिकों का पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. सोमवार को भी कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने शेड्यूल से चल रही हैं. लखनऊ, गोरखपुर, रांची, जसीडीह, धनबाद, हटिया, दानापुर स्टेशन पर ट्रेन पहुंच भी चुकी है. इस दौरान रेलवे स्टेशन और बसों के अंदर भी सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.