बेंगलुरु/गुड़गांव। मध्य प्रदेश की राजनीतिक उठापटक के पावर सेंटर बने बेंगलुरू में शनिवार को अजीब सियासी सन्नाटा पसरा रहा। कांग्रेस के बागी विधायक दिनभर गोल्फसायर रिजॉर्ट में रहे। कांग्रेस के दोनों मंत्री भी चले गए। कहीं कोई मैदानी हलचल नजर नहीं आई, लेकिन जमीनी रणनीति बनती रही। कर्नाटक पैटर्न की तर्ज पर भाजपा बागी विधायकों को सीआरपीएफ के पहरे में लेकर निकलेगी। ग्रीन कॉरिडोर बनेगा। एयरपोर्ट तक काफिले में कोई नहीं घुस सकेगा। सारे वाहन रोके जाएंगे। कांग्रेस सुरक्षा कवच तोड़ने की तमाम कोशिश करेगी। कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना होगा।
फॉर्मूले की काट में कांग्रेस थिंक टैंक
कर्नाटक फॉर्मूले में अभी तक चल रहे सरकार गिराओ घटनाक्रम पर कांग्रेस की नजरें जमी हुई हैं। अभी तक 6 विधायकों के इस्तीफे को मंजूर करने तक सब कुछ एक जैसा चल रहा है। कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आखिरी उपचुनाव तक जाने के दांव में चूक गई थी। अब रास्ता यहीं निकाला जा रहा है कि कैसे भी कुछ विधायक भाजपा में जॉइन नहीं करें। फ्लोर टेस्ट में सरकार के साथ खड़े हो जाए।
अब भाजपा तैयार कर रही ए और बी प्लान
भाजपा तयशुदा रणनीति के तहत ए और बी प्लान तैयार कर रही है। कांग्रेस को चकमा देने के लिए विधायकों को अलग-अलग रिजॉर्ट में ठहराया गया है। ऐसे ही एयरपोर्ट से वापसी के बाद दो दिन के लिए चार्टर्ड बुक हैं। फ्लोर टेस्ट के लिए इशारा मिलने पर सभी पहुंचेंगे। 15 और 16 मार्च दोनों दिन उड़ान की तैयारी है।
रिजॉर्ट तक पहुंचे कांग्रेस नेता पर अंदर नहीं जा पाए
कांग्रेस के पूर्व सीएम सिद्धारमैया सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यूएस उगरप्पा अचानक दोपहर में रिजॉर्ट पहुंचे। वे भीतर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने जाने नहीं दिया। विवाद की स्थिति भी बनी। उन्होंने कहा कि मैं विधायकों से मिलने नहीं, अपने परिचित के आयोजन में शामिल होने आया हूं।
हमने उनसे नौ चाल आगे की सोचते हैं
बेंगलुरु से एक विधायक ने बताया- ‘‘स्पीकर एनपी प्रजापति ने हमें जिस दिन नोटिस जारी किया था, उसी दिन हमने उन्हें और राज्यपाल को मेल भेजकर केंद्रीय सुरक्षा मांगी थी। स्पीकर ने हमें 11 तारीख को नोटिस दिया था कि आप लोग आएं और अपने इस्तीफों का सत्यापन कराएं। इसके बाद हमने उन्हें मेल करके राज्यपाल महोदय से सुरक्षा की मांग कर ली थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे और बार-बार नोटिस देकर खानापूर्ति कर रहे हैं।’’
‘‘विश्वनाथन आनंद शतरंज का वर्ल्ड चैंपियन इसलिए था, क्योंकि वह सामने वाले से नौ चाल आगे सोचकर चलता था। ऐसे ही हम उनसे (कांग्रेस) पहले ही अपनी चालें सोच लेते हैं। इतने साल उनके साथ ही रहे हैं। वह जो सोचते हैं, वो हम पहले ही समझ जाते हैं।’’
ब्रेकफास्ट करेंगे और 1.45 घंटे में पहुंच जाएंगे
भाजपा ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट की मांग की है। कल भर का टाइम है, ऐसे में अगर आप फ्लोर टेस्ट में नहीं आएंगे तो फिर कैसे होगा। इस सवाल पर विधायक ने कहा- ‘‘हम जहां पर हैं, वहां से भोपाल पहुंचने में एक घंटा 45 मिनट लगता है। हम ब्रेकफास्ट करेंगे, 9.30 बजे चलेंगे और 11 बजे फ्लोर टेस्ट के लिए पहुंच जाएंगे या वो जब भी टाइम देंगे, हम पहुंच जाएंगे।’’
कमलनाथ आखिरी कश तक सरकार का मजा लेना चाहते हैं
बेंगलुरु में विधायकों को भाजपा ने बंधक बनाकर रखा है, इस सवाल पर विधायक बोले- ‘‘कांग्रेस के लोग अफवाह फैला रहे हैं, हालांकि ये करना उनकी मजबूरी है। सारी भ्रांतियां इसलिए फैलाई जा रही है, ताकि जो 92 विधायक उनके साथ हैं, वे बने रहें। वरना वह भी भाग लेंगे। मजाक के लिए कह रहा हूं, एक सिगरेट आती थी, जिसमें लिखा होता था कि आखिरी कश तक मजा देती है। वैसे ही कमलनाथ आखिरी कश तक सरकार के मजे लेना चाहते हैं।’’
विधायक ने सभी विधायकों की कोरोनावायरस की जांच के सवाल पर कहा- कोरोना किसी को नहीं है, सब स्वस्थ और मस्त हैं। मेडिकल चेकअप कराया गया है, जिससे मध्य प्रदेश सरकार को देरी का बहाना न मिले।
4 दिन से होटल में रुके भाजपा विधायक परेशान
गुडगांव स्थित आईटीसी ग्रैंड भारत होटल में ठहरे मध्य प्रदेश के भाजपा विधायकों की सुध लेने के लिए शनिवार देर शाम तक कोई नेता होटल नहीं पहुंचा। होटल में 10 मार्च की रात से ठहरे 106 विधायक अब परेशान होने लगे हैं। उन्हें अपनी मर्जी से परिजन से बात करने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके लिए विशेष आग्रह पर व्यवस्था की जा रही है। होटल में कुछ दिन और ठहरने की सूचना से विधायकों की बेचैनी और भी बढ़ गई है। कुछ विधायकों द्वारा होटल के स्टाफ के साथ रूखा बर्ताव करने सूचना मिल रही है। शुक्रवार शाम होटल से लौटते वक्त सांसद राकेश सिंह ने शनिवार शाम को आने का विधायकों को भरोसा दिलाया था। वे देर शाम तक उनके आने का इंतजार करते रहे। व्यवस्था में लगे पुलिस अधिकारी भी तैयार थे कि देर शाम तक सिंह आ सकते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी उनकी सुध लेने के लिए दो दिन से नहीं पहुंचे। विधायक होटल प्रबंधन से बार-बार पूछते रहे कि किसी के आने की कोई सूचना है क्या?