नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि जरूरतमंद कामगारों और प्रवासी मजदूरों के रेल किराए की जिम्मेदारी संबंधित प्रदेश की कांग्रेस कमेटी उठाएगी। सोनिया का कहना कि केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय से कई बार यह मांग की गई कि लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का किराया नहीं लिया जाए, लेकिन कांग्रेस की बात अनसुनी कर दी गई।
संकट की घड़ी में मजदूरों से किराया वसूलना गलत: सोनिया
सोनिया ने सवाल उठाया कि जब विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का किराया नहीं लिया गया तो फिर प्रवासी मजदूरों के लिए ऐसी विनम्रता क्यों नहीं दिखाई जा सकती? सोनिया का कहना है कि जब हम गुजरात के एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपए ट्रांसपोर्ट और खाने पर खर्च कर सकते हैं, रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपए दे सकता है तो फिर प्रवासियों को फ्री रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते? यह परेशान करने वाली बात है कि संकट की घड़ी में केंद्र सरकार और रेलवे प्रवासियों से किराया वसूल रहे हैं।
लॉकडाउन का तीसरा फेज 17 मई तक रहेगा
कोरोना का संक्रमण फैलने की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च से लॉकडाउन के पहले फेज का ऐलान किया था। बाद में इसे दो बार बढ़ाया गया। तीसरा फेज आज से शुरू हो गया है जो 17 मई तक रहेगा। हालांकि, इस बार ऑरेंज और ग्रीन जोन में कई तरह की छूट दी गई हैं। देशभर में फंसे प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेनों से उनके घर पहुंचाया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे जिन मजदूरों को भेज रहे हैं उनसे टिकट का किराया लेकर मंत्रालय को दिया जाए।
कई लोग पैदल और साइकिल से हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर रहे
लॉकडाउन के पहले फेज से ही ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। प्रवासी मजदूर हजारों किलोमीटर का सफर पैदल या फिर साइकिल से तय कर एक से दूसरे राज्य जा रहे हैं। इस दौरान कुछ मजदूरों की मौत भी घटनाएं भी हुई हैं।