भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर कोरोना महामारी से निपटने में नाकाम होने का आरोप लगाया है। मैंने मुख्यमंत्री रहते 28 जनवरी को ही इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी थी, तब शिवराज सिंह चौहान और भाजपा मेरा मजाक उड़ा रही थी। हमने 31 जनवरी को सभी कलेक्टरों को कोरोना से लड़ने के समुचित उपाय करने के भी आदेश दे दिए थे। मुख्य सचिव भी लगातार जिलों में अधिकारियों से संपर्क में थे। नाथ रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा- सरकार को राजनीति छोड़ कोरोना से निपटने के इंतजाम करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कर कोरोना संक्रमितों को चिह्नित कर उनका इलाज करना चाहिए।
मैं तो सारे विधायकों और मंत्रियों से बात करता था
नाथ ने कहा कि यदि मैं विधायकों की नहीं सुनता तो तो बेंगलूरू से दो विधायक लौटकर क्यों आते। वहां बंधक बनाकर रखे गए कई विधायक तो मेरे और दिग्विजय के संपर्क में थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा किसी पद से कोई मोह नहीं है। मैं पहले ही अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कह चुका हूं।