कोरोना संक्रमण से प्रभावी ढंग से निपटने के साथ केंद्र सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर भी कमर कसनी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह एवं अन्य प्रमुख मंत्रियों एवं अधिकारियों साथ चर्चा की है। बैठक में राज्यों की आर्थिक पैकेज की मांग व विभिन्न क्षेत्रों को मजबूत करने का मुद्दा प्रमुख रहा। इसके साथ सरकार आम आदमी को भी और राहत दे सकती है।
देश में बीते 25 मार्च से चल रहा लॉकडाउन चार मई से तीसरे चरण में जा रहा है। इसका अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। अब सरकार इससे उबरने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार सरकार की ओर से कोरोना से प्रभावित लोगों और कारोबार को एक और राहत पैकेज देने की तैयारी हो रही है। प्रधानमंत्री ने प्रभावित उद्योगों को राहत पैकेज देने के संबंध में बैठक भी की है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री इसके बाद अन्य प्रमुख आर्थिक मंत्रालयों के मंत्रियों के साथ भी संबंधित मुद्दों पर बैठकें करेंगे। इसके अलावा वित्त मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी के सामने एक प्रजेंटेशन भी पेश करेगा। इस प्रजेंटेशन में अर्थव्यवस्था की स्थिति और इसे संभालने के लिए मंत्रालय की ओर से विचार किए जा रहे आगे के संभावित कदमों के बारे में बताया जाएगा।
किसानों को आसान कर्ज देने पर जोर: इसके पहले प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र के मुद्दों और आवश्यक सुधारों के बारे में विचार विमर्श करने के लिए सुबह एक बैठक की। इसमें कृषि विपणन, विपणन योग्य अधिशेष के प्रबंधन, संस्थागत ऋण तक किसानों की पहुंच में सुधार लाने, कानून के उचित समर्थन सहित कृषि क्षेत्र को विभिन्न प्रतिबंधों से मुक्त किए जाने पर विशेष बल दिया गया। कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए रियायती ऋण प्रवाह व किसानों को उचित आमदनी सुनिश्चित कराने के लिए कृषि उपज के अंतर-राज्य और अंत:- राज्य व्यापार को सुगम बनाने जैसे कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की गई।
देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले सूक्ष्म,छोटे एवं मझौले उद्योगों को मजबूती देने के मुद्दे पर एक बैठक की अध्यक्षता की। इसमें विस्तार से चर्चा हुई कि कैसे इस क्षेत्र को ज्यादा आकर्षक बनाया जाए और इसे नए अवसर का लाभ उठाने के लिए किस तरह तैयार किया जाए। -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री