कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) ने प्रवासियों को जहां-तहां फंसा दिया। ऐसे लोगों को अब केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। रेलवे को स्पेशल ट्रेनें चलाकर ऐसे लोगों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने को कहा गया है। इसके लिए 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनें शुरू की गई हैं। दरअसल राज्य सरकारों ने स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत अनुरोध किया था कि ट्रेनों को पॉइंट-टू-पॉइंट चलाया जाए। यानी ये ट्रेनें बीच में कहीं नहीं रुकेंगी। पहले दिन, शुक्रवार को अलग-अलग रूट पर छह स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इन ट्रेनों के चलने के लिए दोनों राज्यों, यानी जहां से प्रवासियों को जाना है और जहां पहुंचना है, की सहमति जरूरी होगी। इन ट्रेनों में आम यात्रियों को बैठने नहीं दिया जाएगा। सरकार ने कुछ शर्तें भी तय की हैं जिनके पालन के बाद ही ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। आइए जानते हैं कि इन ट्रेनों में कौन-कौन सफर कर सकते हैं और क्या व्यवस्था होगी।
बनेगी पैसेंजर्स की लिस्ट
इन स्पेशल ट्रेन्स में सवार होने वाली की लिस्ट राज्य सरकार बनाएगी। प्रवासी मजदूरों, टूरिस्ट्स, स्टूडेंट्स और तीर्थयात्रियों को अपने गृह राज्य के पास आवेदन करना होगा। वहां के नोडल ऑफिसर जो लिस्ट तैयार करेंगे, वह रेलवे को सौंपी जाएगी। स्टेशन पर केवल उन्हीं लोगों से पहुंचने को कहा गया है जिन्हें प्रशासन चुनेगा। इसके अलावा किसी को ट्रेन्स में बैठने नहीं दिया जाएगा।
बैठने से पहले होगी स्क्रीनिंग
जिस राज्य से ट्रेन चलेगी, वहां स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग का इंतजाम होगा। सभी को स्क्रीनिंग से गुजरने और उसमें स्वस्थ पाए जाने पर ही ट्रेन में बैठने दिया जाएगा। अगर किसी तरह के लक्षण मिलते हैं तो गृह राज्य के बजाय सीधे क्वारंटीन सेंटर या होम आइसोलेशन में भेजा जा सकता है।
यहां मिलेगा खाना-पानी
जिस स्टेट से ट्रेन चलेगी, वही इन प्रवासियों की खातिर खाना-पानी का इंतजाम करेंगे। इसके लिए स्टेशन पर व्यवस्था की जाएगी।
सबके लिए फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
इन ट्रेनों से सफर करने वाले हर यात्री को फेस मास्क लगाना होगा। यही नहीं, स्टेशन से लेकर पूरे सफर के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करना अनिवार्य है।
हर कोच में यात्रियों की संख्या तय
आमतौर पर ट्रेनों में खचाखच भीड़ होती है। मगर कोरोना काल में ऐसा नहीं होगा। जो स्पेशल ट्रेन्स चलेंगी, उनमें कोच में 72 के बजाय 54 यात्रियों के बैठने का इंतजाम होगा। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखने के लिए किया जा रहा है।
लंबे सफर में खाना खिलाएगा रेलवे
अगर सफर लंबा हुआ तो बीच में यात्रियों को भोजन-पानी की व्यवस्था रेलवे की ओर से की जाएगी।
अपने राज्य पहुंचने पर फिर होगी स्क्रीनिंग
एक बार ट्रेन अपने गंतव्य राज्य तक पहुंच गई तो वहां के स्टेशन पर भी पैसेंजर्स की स्क्रीनिंग की जाएगी। प्रोटोकॉल वही रहेगा। अगर कोविड-19 के लक्षण मिलते हैं तो उन्हें सीधे क्वारंटीन सेंटर भेजा जाएगा। अगर कोई लक्षण नहीं दिखते तो पैसेंजर्स को घर जाने दिया जाएगा। हालांकि उन्हें 14 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना होगा।
लोग पुलिस थाने में भर रहे फॉर्म
मुंबई में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को जब पता लगा कि सरकार ने उन्हें अपने राज्य भेजने की व्यवस्था की है तो वे बड़े खुश हुए। कई प्रवासी मजदूरों ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपना फॉर्म जमा किया। ये फॉर्म प्रशासन की मदद से सरकार तक पहुंचाए जाएंगे।