मुंबई. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार शाम चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया है कि राज्य विधान परिषद की 9 रिक्त सीटों पर जल्द चुनाव करवाया जाए। यह सीटें 24 अप्रैल से खाली हैं। राज्यपाल का यह फैसला सीएम उद्धव ठाकरे को बड़ी राहत दे सकता है। क्योंकि, वे विधानसभा या विधान परिषद में से किसी के सदस्य नहीं हैं और 27 मई तक उनका किसी एक सदन का सदस्य होना जरूरी है। 28 मई तक उद्धव ठाकरे विधानसभा या परिषद के सदस्य नहीं बने तो उन्हें पद से हटना होगा। इस बीच, राज्य में विधान परिषद की 9 खाली सीटों पर चुनाव के मामले पर भारतीय चुनाव आयोग शुक्रवार को बैठक करेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक का हिस्सा बनेंगे।
पीएम से बात के एक दिन बाद राज्यपाल का फैसला
राज्यपाल ने यह कदम तब उठाया है जब एक दिन पहले यानी बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर फोन पर बात की थी। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा भी था कि राजभवन तक संकेत सही समय में पहुंच जाएगा। इससे पहले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने दो बार प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल से सिफारिश की थी कि वह उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत कर दें। पर राज्यपाल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
12 सीटें गवर्नर के मनोनीत कोटे के तहत
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को गवर्नर के मनोनीत कोटे से एमएलसी बनाने के लिए कैबिनेट ने प्रस्ताव भेजा है। राज्य में इससे पहले दत्ता मेघे और दयानंद महास्के को भी मंत्री बनने के बाद राज्यपाल विधान परिषद के लिए मनोनीत कर चुके हैं। आम तौर पर गवर्नर कोटे से एमएलसी मनोनीत करने के लिए कुछ योग्यताएं होनी जरूरी हैं। महाराष्ट्र विधान परिषद की बात करें तो यहां कुल 78 सीटें हैं। इनमें से 66 सीटों पर निर्वाचन होता है, जबकि 12 सीटों के लिए राज्यपाल कोटे से मनोनीत किया जा सकता है।
विधान परिषद में ये निर्वाचित सदस्य
30 सदस्यों को विधानसभा के सदस्य यानी एमएलए चुनते हैं। 7-7 सदस्य स्नातक निर्वाचन और शिक्षक कोटे के तहत चुने जाते हैं। इनमें राज्य के सात डिविजन मुंबई, अमरावती, नासिक, औरंगाबाद, कोंकण, नागपुर और पुणे डिविजन से एक-एक सीट होती है। इसके अलावा 22 सदस्य स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के तहत चुने जाते हैं।