भोपाल। पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने नगरीय निकायों में पूर्व महापौर और पूर्व पार्षदों की प्रशासकीय समिति घठित करने के निर्णय पर सरकार को आडे हाथो लिया है शर्मा का कहना है कि भाजपा में गुटबाजी काफी है मंत्री मंडल बनाने में गुटबाजी, विधायक बनने में गुटबाजी, सिंधिया सर्मथकों को मंत्री बनाने का वादा किया वहां गुटबाजी देखने को मिल रही है भाजपा में अफरा तफरी का माहौल है इसलिए सरकार को अपने विधायकों एवं पूर्व विधायकों के विरोध के बाद सरकार को लाकडाउन खत्म होने के बाद नगर निगम और उपचुनाव जल्द कराना चाहिए।
शर्मा ने कायस्थ समाज के अराध्य देव भगवान चित्रगुप्त जी के प्रकोट्योत्सव पर बधाई देते हुए समाज के सभी लोगों से घरों के द्वार पर ही दीपक जलाने की अपील की। शर्मा ने एक मई मजदूर दिवस पर सरकार से मजदूरों के खाते में 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है शर्मा ने कहना है कि दैनिक वेतन भोगी, मजदूर, धोबी, नाई, कामवाली बाई, पंजीकृत श्रमिक, दिव्यांग सहित 25 श्रेणियों जो सरकार ने चिन्हित की है कम से कम उनके खाते में मजदूर दिवस पर राशि दी जाये ताकि वे अपने परिवार का गुजर बसर कर सकें।
बसपा विधायक रामबाई के मंत्री बनने के सवाल पर शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बसपा, सपा, निर्दलीय एवं कांग्रेस से गए सभी विधायकों को मंत्री बनाने की बात भी कही उनका कहना है कि भाजपा ने उनसे मंत्री बनाने का वादा कर सरकार बनाई है अब उन्हें अपने वादे को निभाना चाहिए। शर्मा ने सरकार द्वारा सरकारी दफ्तरों को खोलने के निर्णय को भी गलत बताया उनका कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों को डीए दिया नही अब उनकी जान जोखिम में डालकर उनकी ड्यूटी लगाई जा रही है उनका तर्क है कि अभी कोरोना खत्म नही हुआ है वर्तमान में बिना लक्षण वाले कोरोना पाजिटिव मरीज सामने आये है ऐसे में सरकारी कर्मचारियो की ड्यूटी लगाई जाती है तो वे संक्रमित हो सकते है यह हडबडाहट का निर्णय है।
सरकार को सभी कर्मचारियों जिनकी ड्यूटी लगाई जा रही है उनका कोरोना टेस्ट कराना चाहिए और टेस्ट नेगेटिव आने पर ही ड्यूटी पर बुलाकर उन्हें सुविधाओँ के साथ नौकरी पर बुलाना चाहिए। शर्मा ने यूपी, बिहार, छत्तीसगढ, गोवा से ज्यादा मध्यप्रदेश में कोरोना पाजिटिव मरीजो की ( करीब 130) मौतों पर सवाल उठाते हुए सरकार पर आंकडे छुपाने का आरोप लगाया है।