भोपाल। अब तक कोरोना के मरीजों के साथ अछूत जैसा व्यवहार किया जाता है। एक डॉक्टर ने तो यहां तक कह दिया था कि हमारे पास कोरोना के मरीजों को जहर का इंजेक्शन लगाकर मारने तक का आदेश है। इस सबके बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि आगे से ऐसा नहीं होगा। मध्य प्रदेश सरकार कोरोना मरीजों का इलाज के दौरान मानसिक तनाव कम करने के लिए हैपीनेस मंत्रालय को उपयोग में लाएगी।
मंत्रालय के माध्यम से मरीजों के लिए मनोरंजक गतिविधियों के माध्मय से हल्का-फुल्का माहौल तैयार किया जाएगा। इसके जरिए मरीजों का लगातार मनोबल बढ़ाया जाएगा, जिससे तनाव कम हो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसके लिए आनंद विभाग (राज्य आनंद संस्थान) को पुनर्जीवित करने और यहां काम करने वाले आनंदकों की सेवाएं लेने के निर्देश दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "कोविड 19 अस्पतालों, क्वारैंटाइन सेंटर्स में ऑडियो-वीडियो के माध्यम से संगीत, फिल्म प्रदर्शन, प्रेरणादायक संदेश तथा मनोरंजक कार्यक्रम दिखाए जाएंगे। साथ ही कोरोना मरीजों की सेवा में दिन-रात जुटे स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस कर्मी, नगर निगम कर्मचारी, नर्सिंग स्टॉफ का भी मनोबल बढ़ाया जाएगा, जिससे वे अपना कार्य बिना किसी तनाव के कर पाएं।"
कमलनाथ सरकार ने बंद कर दिया था आनंद संस्थान
अगस्त 2016 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने राज्य आनंद संस्थान का गठन किया था, इसकी गतिविधियां भी शुरू हो गई थीं और हर साल इसका कैलेंडर भी जारी हो रहा था। इसमें ग्रामीण अंचल में होने वाले खेलों को शामिल किया गया था। साथ ही पूरे प्रदेश में आनंद उत्सव का आयोजन किया जाता था। 2018 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आई और उन्होंने राज्य आनंद संस्थान को बंद कर दिया। उन्होंने धर्मस्व और राज्य आनंद संस्थान को मर्ज कर अध्यात्म विभाग बना दिया था।