गुजरात में कोविड-19 के कारण ज्यादा मृत्यु दर की वजह इस वायरस के एल-टाइप स्ट्रेन की बहुलता बताई जा रही है। कोरोना वायरस के कई रूप यानी स्ट्रेन हैं जिनमें से उसके एल-स्ट्रेन वाले रूप को काफी घातक माना जाता है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के मामलों में महाराष्ट्र के बाद गुजरात दूसरे नंबर पर है। यहां 3301 लोगों कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। वहीं 313 लोगों की मौत हो चुकी है तो 151 मरीज ठीक होने के बाद डिसचार्ज किए जा चुके हैं।
एल रूप वाला वायरस ही चीन के वुहान में भी बहुलता पाई गई थी। एल-स्ट्रेन वाला वायरस एस-स्ट्रेन वाले वायरस की अपेक्षा ज्यादा घातक होता है। गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर के एक वैज्ञानिक ने भी गुजरात में एल-स्ट्रेन वाले वायरस की पुष्टि की है। इस सेंटर के सीजी जोशी ने यह भी बताया कि एल-स्ट्रेन वाले वायरस के ज्यादा खतरनाक होने के कारण ही वुहान में तबाही मचाई थी।
एल टाइप स्ट्रेन नाम का ये स्ट्रेन काफी घातक है और गुजरात में मौत की दर ज्यादा होने के पीछे ये एक बड़ी वजह हो सकता है। वहीं केरल में इसका S टाइप स्ट्रेन मिल रहा है, जो अपेक्षाकृत कमजोर है और वहां पर मौत की दर कम होने के पीछे ये भी वजह हो सकती है। वहीं कई जानकारों का मानना है कि एल स्ट्रेन वायरस के दूसरे प्रकार एस टाइप स्ट्रेन से काफी घातक होता है। दुनिया में जहां भी मौतों की दर ज्यादा है, वहां वायरस का यही स्ट्रेन मिला है।
कोविड: गुजरात में हालात इटली-फ्रांस से बेहतर होने का दावा
गुजरात के स्वास्थ्य विभाग की एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि गुजरात की आबादी इटली, फ्रांस और स्पेन के लगभग बराबर है, लेकिन पहला मामला सामने आने के 35 दिन बाद प्रदेश में इन तीनों यूरोपीय देशों के मुकाबले कोरोना वायरस के कम मामले हैं।
राज्य की प्रधान स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि ने कहा कि यह मुख्यत: लॉकडाउन और नियंत्रण संबंधी रणनीति जैसे कदमों की वजह से है। उन्होंने बताया कि गुजरात में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के 35 दिन बाद संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 3,071 तक पहुंच गई है, जबकि इटली में इतने ही दिनों में 80,536, फ्रांस में 56,972 और स्पेन में 94,410 मामले सामने आए थे।
अधिकारी ने कहा कि इटली की आबादी 6.04 करोड़, फ्रांस की 6.5 करोड़, स्पेन की 4.7 करोड़ और गुजरात की 6.25 करोड़ है। उन्होंने कहा-इससे पता चलता है कि लॉकडाउन और विदेशों से लौट रहे लोगों को तत्काल पृथक करने की रणनीति जैसे विभिन्न कारकों ने बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद की है। अधिकारी ने कहा कि बीसीजी टीके के इस्तेमाल और इन तीनों यूरोपीय देशों के मुकाबले गुजरात में गर्म जलवायु जैसे कारकों ने भी वायरस के प्रसार को रोकने में भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा-यह तुलना सिर्फ हमारी सूचना के लिए है, देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में महाराष्ट्र के बाद गुजरात दूसरे नंबर पर है। गुजरात में बीमारी से निपटने के लिए 61 अस्पतालों में 10,500 बिस्तर और लक्षणमुक्त रोगियों की देखभाल के लिए 150 केंद्रों में 22,385 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। राज्य में जांच क्षमता भी बढ़ाकर 3,770 नमूने प्रतिदिन कर दी गई है।