भोपाल. यूं तो अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त में शहर में हर साल हजारों शादियां होती हैं लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण गिनी चुनी शादियां ही हुईं। इन विवाह आयोजनों में रस्में तो सारी हुईं लेकिन न बैंड था न बाराती। लालघाटी स्थित एक होटल संचालक की बेटी की शादी में दूल्हा-दुल्हन और पंडित समेत कुल 11 लोग ही शामिल हुए। लॉकडाउन में हुई इस शाादी में न बैंड बजा, न बारात लगी। वर-वधू और उनके परिवार के चुनिंदा लाेगाें की माैजूदगी में पंडितजी ने पूरे विधान से शाादी की रस्में व सात फेरे पूरे कराए। दुल्हन पल्लवी के पिता भवानी प्रसाद ने बताया कि उन्हें इंतजाम करने में कुछ परेशानी जरूर हुई, लेकिन बमुश्किल 1100 रुपए खर्च हुए। बिटिया का रिश्ता डेढ़ साल रोहित बघेल से तय हुआ था। रोहित का मकान भी उसी क्षेत्र में है। शादी के लिए 14 अप्रैल की तारीख पक्की हुई थी।
इस बीच हो गया लॉकडाउन....
बेटी के लिए गहने और अन्य उपहार पहले ही खरीद लिए थे। इसी बीच लॉकडाउन हो गया। पहले उम्मीद थी कि यह जल्द खुल जाएगा, लेकिन बाद में 3 मई तक बढ़ा दिया गया। दाेनाें परिवाराें ने पंडित से मिलकर अगली तारीख पर विचार किया। सोच-विचार के बाद अक्षय तृतीया पर ही शादी का निर्णय लिया। शनिवार को इसकी जानकारी शासन को दी और फिर वहां से कुछ शर्तों पर अनुमति मिल गई। शादी में दोनों पक्ष और पंडित को मिलाकर कुल 11 लोगों के शामिल होने की मंजूरी मिली। दिया। खाना घर की महिलाओं ने बनाया और फिर उसे दूल्हे के घर पहुंचा दिया।
दो बहनों की होनी थी शादी... पर शासन से एक ही मिली अनुमति
संजय नगर निवासी पिंकी की शादी राहुल विच्छाेले से रविवार काे 4 लाेगाें की मौजूदगी में हुई। पिंकी व उसकी बहन भारती की शादी एक साल पहले ही तय हाे गई थी। पिंकी ने बताया कि पिता सुरेश कटारे दाेनाें बहनाें की शादी साथ करना चाहते थे। एसडीएम कार्यालय के कई चक्कर लगाए। लेकिन शाहजहांनाबाद थाने से सिर्फ एक शादी की अनुमति मिली।
एक ही दिन में पूरी हुईं सभी रस्में
पंडित सहित 12 लोगों की मौजूदगी में शुभम (26) पिता राजेंद्र घेंघट और मोना (23) पिता महेंद्र घेंघट का विवाह हुआ। विवाह की रस्में एक ही दिन में वधू पक्ष के बाणगंगा स्थित घर में संपन्न हुईं।