भोपाल। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में ओबीसी महासभा के संस्थापक अध्यक्ष ओबीसी विजय कुमार ने बताया कि विगत मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 54% से अधिक संख्या वाले पिछड़े वर्ग को लम्बे आंदोलन के बाद दिए गए 27% आरक्षण के विरुद्ध प्रस्तुत याचिकाओं में तात्कालिक म.प्र महाधिवक्ता द्वारा गैर जिम्मेदारीपूर्ण रवैए के चलते शासन का जबाब समय पर ओर मजबूती से ना रखें जाने के कारण पूर्व में मैडिकल परीक्षा एवं MPPSC सहित अन्य परीक्षाओं में भी 27% आरक्षण पर असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं। जिस कारण मध्यप्रदेश का सम्पूर्ण ओबीसी समाज आक्रोशित है।
चूँकि शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ ही पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने के कारण ओबीसी समाज की अपेक्षा माननीय से बढ़ना स्वभाविक है। ओबीसी महासभा (रजि.) आपसे इस पत्र के माध्यम से आपके समक्ष मांग रख रहा है कि
1. मध्यप्रदेश हाइकोर्ट की आगामी 28 अप्रैल 2020 को होने वाली सुनवाई में शासन का पक्ष मजबूती से रखे जाने की सुनिश्चतता के लिये सुप्रीम कोर्ट के आरक्षित वर्ग के वरिष्ठतम अधिवक्ता को नियुक्त कर न्यायालय में शासन का पक्ष मजबूती से रखा जाए ।
2. तब तक ओबीसी समाज को मध्यप्रदेश में दिए जा रहे 27% ओबीसी आरक्षण को बिना किसी रुकावट के जारी रखा जाए।