नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कुछ कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को केंद्रीय कर्मचारियों के अतिरिक्त महंगाई भत्ते रोके जाने का विरोध किया। मनमोहन सिंह ने कहा- इस मुश्किल दौर में सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों की परेशानियां बढ़ाई जा रही हैं, ये गलत है।
राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए। दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार को पैसा बचाने के लिए सबसे पहले बुलेट ट्रेन जैसी योजनाओं को टालना चाहिए था।
हम कर्मचारियों के साथ
कांग्रेस द्वारा जारी एक वीडियो में मनमोहन सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि इस वक्त सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों की मुसीबत नहीं बढ़ाई जानी चाहिए। हम उन लोगों के साथ हैं जिनके महंगाई भत्ते रोके गए हैं।” राहुल गांधी पहले ही सरकार के इस फैसले को अमानवीय बता चुके हैं। शनिवार को उन्होंने कहा, “इसी वक्त आप सौंदर्यीकरण की योजनाएं चला रहे हैं। आप मिडल क्लास से पैसा तो ले रहे हैं लेकिन, इसे गरीबों को नहीं दे रहे। इसे आप सेंट्रल विस्टा पर खर्च कर रहे हैं।”
पहले बुलेट ट्रेन का काम रोकिए
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने भी सरकार पर निशाना साधा। कहा, “सरकार ने बुलेट ट्रेन पर होने वाले खर्च पर रोक क्यों नहीं लगाई। केंद्र की सेंट्रल विस्टा जैसी योजनाएं क्यों नहीं रोकी गईं। सबसे पहले इन्हें रोका जाना चाहिए था।”
आलोचना क्यों?
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर अगले साल जुलाई तक रोक लगा दी थी। एरियर्स का भुगतान भी रोक दिया गया। इस कदम से 2020-21 और 2021-22 में सरकार को 37 हजार 350 करोड़ रुपए की बचत होगी। केंद्र की कई योजनाएं इस दौरान जारी रहेंगी। इन पर करीब 20 हजार करोड़ रुपए खर्च होना है। इनमें नए संसद भवन का निर्माण भी शामिल है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट (मुंबई से अहमदाबाद) के लिए पहले ही 5 हजार 600 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित है। यह आजादी की 75वीं सालगिरह पर 2022 में पूरा होना है।