नर्मदा का पानी 25 साल में पहली बार सबसे शुद्ध, जल का मानक मिनरल वॉटर जैसा हो गया

Posted By: Himmat Jaithwar
4/26/2020

ओंकारेश्वर. लॉकडाउन के कारण देशभर के उद्योग बंद हैं। इसका असर पर्यावरण पर दिखाई देने लगा है। गंगा, यमुना और नर्मदा समेत कई नदियों का पानी भी स्वच्छ होने लगा है। एक माह पहले तक अनेक हिस्सों में मटमैली दिखने वाली नर्मदा का पानी इन दिनों मिनरल वॉटर जैसा दिखाई दे रहा है।

नर्मदा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ओंकारेश्वर (मप्र) के प्रबंधक एसके व्यास ने बताया कि नर्मदा जल का मानक मिनरल वॉटर जैसा हो गया है। हमारे विभाग द्वारा इसकी जांच भी की गई है। नर्मदा के जल में कई तरह की औषधियां, जड़ी-बूटियां भी समाहित होती हैं। इसे पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

ओंकारेश्वर में 25 साल पहले नर्मदा का जल ऐसा ही शुद्ध

तीर्थनगरी के विद्वान और वरिष्ठ आचार्य सुभाष महाराज वेदमाता गायत्री मंदिर ने बताया कि ओंकारेश्वर में 25 साल पहले नर्मदा का जल ऐसा ही शुद्ध था। मालूम हो, ओंकारेश्वर में आम दिनों में 5 हजार जबकि त्योहारों पर 2 लाख तीर्थ यात्री पहुंचते हैं।

ऐसे समझें नर्मदा और मिनरल वॉटर का मानक
नर्मदा जल का टीडीएस पहले 126 मिलीग्राम/लीटर नापा गया, जो घटकर 100 से भी कम हो गया है। मिनरल वॉटर का टीडीएस 55 से 60 मिलीग्राम/लीटर मेंटेन करना होता है। पानी हल्का हरा दिखाई देने का मतलब यह है कि पानी की टर्बिडिटी 10 एनटीयू से भी कम है। पारदर्शिता भी बहुत बढ़ गई है। वर्तमान समय में दस फीट की गहराई तक साफ पानी दिखाई दे रहा है।



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