भोपाल। नाइजीरिया में एक कंपनी में डिप्टी जनरल मैनेजर रहे पिता की मौत के बाद उनकी बेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। सत्येंद्र शर्मा भोपाल के रहने वाले थे। उनकी बेटी दीपिका शर्मा ने ट्विटर पर एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उसने नाइजीरियाई कंपनी,अस्पताल और प्रशासन पर सहयोग न करने और जानकारी न देने का आरोप लगाया है।
मेरे पिता लागोस की कंपनी दांगोटे इंडस्ट्रीज प्रा.लि. में डिप्टी जनरल मैनेजर थे। उन्हें पहले से न तो कोई बीमारी नहीं थी और कोई संक्रमण भी नहीं था। उन्हें याबा के मेनलैंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। यह अस्पताल संक्रमक रोगों के इलाज के लिए जाना जाता है। मलेरिया के लक्षण दिखने के बाद 16 अप्रैल को पिता हॉस्पिटल में एडमिट हुए। अस्पताल के टेस्ट में भी मलेरिया की पुष्टि हुई। एक्स-रे रिपोर्ट में उनमें सीने में संक्रमण पाया गया। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत अच्छी है और इलाज के बाद 3-4 दिन में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
दीपिका ने लिखा '17 अप्रैल को कोरोना टेस्टिंग के लिए सैंपल लिया गया'
दीपिका ने बताया, इसके बाद अस्पताल ने 17 अप्रैल को कोरोना टेस्टिंग के लिए उनका सैंपल लिया और कहा कि 19 अप्रैल को इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। 21 तारीख तक हम दांगोटे ग्रुप के एचआर से पिता के बारे में हालचाल लेते रहे। वे यही बताते रहे कि उनकी हालत ठीक है। बुधवार को कंपनी के एचआर से फोन आया कि मेरे पिता को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, इसलिए उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। शाम को बताया कि उनका निधन हो गया है। 23 अप्रैल तक कोविड-19 की रिपोर्ट नहीं आई थी। अस्पताल प्रबंधन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा है। दांगोटे ग्रुप और अस्पताल के अधिकारी भी मौत की सही वजह नहीं बता रहे। वे हमें रिपोर्ट भी मुहैया नहीं करा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि लागोस से कोई भी मेरे पिता के बारे में कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय और नाइजीरिया की दूतावास से प्रार्थना करती हूं कि ने अधिकारियों द्वारा की गई चिकित्सा लापरवाही को देखें। मैं अपने पिता की इकलौती संतान हूं। मुझे उनकी मौत की वजह जानने और रिपोर्ट दिलाने में मदद की