भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस के एडिशनल डिप्टी जनरल ऑफ पुलिस श्री उपेंद्र जैन ने दावा किया है कि भोपाल में तैनात पुलिस कर्मचारी तबलीगी जमात के लोगों के कारण कोरोनावायरस के इंफेक्शन का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि भोपाल की मस्जिदों में जमात के लोगों का पता लगाने के लिए जाना पड़ा, इसी दौरान पुलिस कर्मचारी इंफेक्शन का शिकार हुए।
भोपाल जोन के एडीजी उपेंद्र जैन ने दावा किया है कि भोपाल के पुलिस कर्मचारियों में कोरोनावायरस का इन्फेक्शन मरकज मस्जिद निजामुद्दीन से आए तबलीगी जमात के लोगों के कारण आया है। टीवी न्यूज़ चैनल NEWS18 से चर्चा करते हुए एडीशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस श्री उपेंद्र जैन ने बताया कि सबसे पहले ऐशबाग और जहांगीराबाद क्षेत्र में तैनात पुलिस कर्मचारी कोरोना वायरस के इंफेक्शन का शिकार होना शुरू हुए। शुरुआत में इन इलाकों में इंफेक्शन नहीं था परंतु तबलीगी जमात के लोगों के बाद इन क्षेत्रों में इंफेक्शन के मामले सामने आना शुरू हुए।
एडीजी उपेंद्र जैन के मुताबिक पुलिसकर्मी थाने गए, घर गए, स्टाफ से मिले, परिजनों से मिले, साथी पुलिस कर्मियों से मिले। इस तरह से पुलिस और परिजनों में कोरोना की लम्बी चैन बनी। उन्होंने कहा कि एनालिसिस करने पर जमातियों से कोरोना फैलने का पता चला है। शहर में 32 विदेशी और देशी जमातों की जांच पड़ताल की गई थी।
भोपाल शहर के 8 पुलिस थानों में कोरोनावायरस का इन्फेक्शन
राजधानी भोपाल के कुल आठ थाने कोरोना से संक्रमित हैं। यहां के पुलिसकर्मी पॉजिटिव निकले हैं। उपेंद्र जैन ने बताया कि हमारे 29 पुलिसकर्मी और उनके 22 परिवार कोरोना से इन्फेक्टेड पाए गए हैं। पहली बात यह उभर कर आई कि कई मस्जिदों में जमात ठहरी हुई थी, जिसमें विदेशी और स्वदेशी दोनों थे। जब दिल्ली मरकज में पूरी घटना हुई निजामुद्दीन मरकज के बारे में और जानकारी मिली कि यहां भी कई जमाती है, जो कि वहां के मरकज से होकर भोपाल आए हैं और उनके बारे में जानकारी एकत्रित की जानी थी।
जमातियों की जानकारी जुटाने के लिए मस्जिद में जाना पड़ा
एडीजी उपेंद्र जैन ने बताया कि हमारे कई पुलिसकर्मियों को उन मस्जिदों में जाना पड़ा। इस बात का पूरा अंदाज भी नहीं था कि सही तौर पर वहां कौन लोग हैं और कितने उसमें में इन्फेक्टेड होंगे। यह सारी कहानी बाद में अनफोल्ड हुई। उस दौरान एक-एक मस्जिद में जाकर हमारे पुलिसकर्मियों ने संपर्क किया और जमातियों को ढूंढा। करीब 32 जमाते यहां पर थी। बाद में उनमें कई इन्फेक्टेड भी पाए गए। उस दौरान हमारे पुलिसकर्मियों में इंफेक्शन हुआ।
उन्होंने बताया कि विशेष रूप से थाना ऐशबाग और जहांगीराबाद के क्षेत्र में यह कहानी हुई। फिर वह जब अपने घरों में गए तो अपने परिवार के सदस्यों को इन्फेक्शन दे दिया। पुलिस कॉलोनी में फिर दूसरे लोग इन्फेक्टेड हुए। फिर दूसरे पुलिसकर्मी इन्फेक्टेड हुए। दूसरे थानों में फैला। इस तरीके से चेन बनी।