इंदौर। शहर की तीन निजी लैब में से एक संपूर्ण लैब को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोरोना की जांच की अनुमति दे दी है। यहां 24 घंटे में 50 से ज्यादा जांचें हो सकेंगी। किट नहीं आने के कारण जांच फिलहाल शुरू नहीं हो पाई है। प्रदेश सरकार द्वारा जांच की गाइडलाइन तय करने और आईसीएमआर से किट मिलने के बाद शहर में जांच की गति और बढ़ जाएगी।
लैब में लोग खुद पैसे देकर जांच करा सकते हैं या नहीं, इस पर फैसला सरकार को लेना है। गुजरात में लोग निजी लैबों से भी जांच करवा रहे हैं। कोरोना जांच की गति धीमी होने से कई मरीज रिपोर्ट के इंतजार में अस्पतालों में भर्ती हैं। इसे देखते हुए संपूर्ण लैब, सेंट्रल लैब और अरबिंदो अस्पताल ने कोरोना जांच की अनुमति मांगी थी, लेकिन सिर्फ एक को ही अधिकृत किया गया। पिछले हफ्ते जूम एप के जरिए तीनों लैब का निरीक्षण दिल्ली से हुआ था।
कोरोना आरएनए वायरस है। जिस लैब को मंजूरी मिली है, वहां रियल टाइम पॉलिमिनरी चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) तकनीक आधार पर जांच हो रही है। इसमें वायरस का एक भी आरएनए होता है तो जांच में उनकी संख्या बढ़ाकर देखा जा सकता है। ऐसे में शरीर में कम संक्रमण हो तो भी नतीजे सटीक आ जाते हैं। टू नेट मशीन पर एक बार में दो ही सैंपल की जांच संभव है और इनके परिणाम आने में 45 मिनट लगते हैं। शहर में अभी सैंपल लेकर जांच कराने का जिम्मा प्रशासन संभाल रहा है।
निजी तौर पर जांच कराने का खर्च साढ़े चार हजार रुपये आता है। सरकार की तरफ से निजी जांच की अनुमति मिलेगी तो लोग खुद भी अपनी जांच करा सकेंगे। संपूर्ण लैब की डायरेक्टर साधना सोडानी ने बताया कि हमें अभी किट नहीं मिली है। हमारी तरफ से तैयारी पूरी है। प्रदेश सरकार की गाइडलाइन तय होते ही हम जांच शुरू कर देंगे।