दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। इस पर आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने विधानसभा में कहा कि अगर कोई एनपीआर करने जाता है और वह उस शख्स से उसका पासपोर्ट मांगता है। ऐसे में वह शख्स पासपोर्ट नहीं दिखाता है तो उसे डाउट फुल लिस्ट में डाल दिया जाएगा। ऐसे कानून में बदलाव किया जाना चाहिए।
अमानतुल्लाह खान ने कहा कि एनआरसी से असम में 19 लाख चपेट में आए, जिसमें पांच लाख मुस्लिम और 14 लाख हिन्दु प्रभावित हुए। फिर उन्होंने हिन्दुओं को बचाने के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लेकर आए। इस कानून से सिर्फ मुसलमान ही प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि मेरे पास पासपोर्ट नहीं है, बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है और मां-बाप का बर्थ सर्टिफिकेट भी नहीं है। यह कानून सिर्फ पूरे मुल्क के लोगों को परेशान करने के लिए लाया जा रहा है। आज कोई बेरोजगारी की बात नहीं करता है। कोई महंगाई की बात करने को तैयार है जिसके पास जमीन है, खेती की जमीन है उसे नागरिकता साबित करने को कहा जा रहा है। पाकिस्तान में रहने वाले को हिन्दुस्तान की नागरिकता दी जा रही है और जो भारत में रह रहा है उसकी नागरिकता छीनी जा रही है।
आप विधायक ने कहा कि ऐसा कानून क्यों लाया जा रहा है, जिसमें नागरिकता लेने की बात कही जा रही है। एनपीआर नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने बिना फाइल खोले ही फाइल को आगे बढ़ा दिया है। अगर पढ़ा होता तो इतना बेहूदा कानून कभी ना लाते। केन्द्र सरकार झूठ बोलने की मशीन है। कानून में कुछ और है बोल कुछ और रहे हैं। जब तक होम मिनिस्टर और सरकार कानून में बदलाव नहीं लाती तब तक कानून लागू नहीं होना चाहिए।