भोपाल. कोरोना संकट के दौरान निजी अस्पतालों को बंद करना संचालकों को महंगा पड़ सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई निजी चिकित्सालय न खुले, तो उसका लाइसेंस निरस्त करें।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेंस ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोरोना की समीक्षा के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कलेक्टरों को कहा कि वे एक टीम बनाकर निजी अस्पतालों की जांच कराएं। जिन व्यक्तियों के कोरोना टेस्ट के सैंपल लिए गए हैं, वे कहीं न जाएं, वरना कार्रवाई होगी।