भोपाल| मध्य प्रदेश में सियासी घमासान के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 6 मंत्री और विधायक थोड़ी देर में भोपाल पहुंचेंगे। ये सभी बागी इन दिनों बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में ठहरे हैं। यहीं से 22 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को अपने इस्तीफे भेज दिए थे। इसके बाद स्पीकर ने नोटिस जारी कर विधायकों को हाजिर होने के लिए कहा था। इनमें से 6 विधायकों को शुक्रवार, 7 विधायकों को शनिवार और बाकी 9 विधायकों को रविवार को उपस्थित होना है। विधायकों के एयरपोर्ट से विधानसभा तक जाने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं।
स्पीकर ने इस्तीफे की सत्यता बताने को कहा है। इस्तीफे स्वेच्छा से दिए गए हैं या किसी दबाव में, विधायक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह बात बताएंगे। इस मुलाकात की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। जो विधायक स्पीकर के सामने हाजिर नहीं होगा, उसका इस्तीफा मान्य नहीं होगा।
बेंगलुरू से आने वाले विधायकों को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए भाजपा नेता दो बसों के साथ एयरपोर्ट पहुंचे। विधायकों ने सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षाबलों की मांग की। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय की तरफ से डीजीपी को एक पत्र भी भेजा गया। कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी एयरपोर्ट पर मौजूद हैं। वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बेंगलुरु से लौटने वाले विधायकों के कोरोनावायरस से संक्रमण की आशंका जताई और उनके टेस्ट कराने की मांग की।
भूपेंद्र सिंह ने इस्तीफे स्वीकार करने का अनुरोध किया
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर उन्हें तीन और विधायकों बिसाहूलाल सिंह, ऐंदल सिंह कंषाना और मनोज चौधरी के इस्तीफ़े सौंपे थे। साथ ही विधायकों का इस्तीफा मंजूर करने का अनुरोध किया था। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है, लेकिन जब तक विधायकों के इस्तीफों पर फैसला नहीं होगा, फ्लोर टेस्ट कैसे होगा।
जीतू पटवारी और लाखन सिंह अभी भी बेंगलुरु में
बेंगलुरु के जिस रिसॉर्ट के बाहर गुरुवार दोपहर मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ एक नाटकीय घटनाक्रम का वीडियो सामने आया। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। पटवारी और लाखन सिंह समेत मध्य प्रदेश के 4 मंत्री अभी बेंगलुरु में हैं। उन्होंने विधायकों को रिसॉर्ट में रखे जाने के को लेकर कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार के साथ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा विधायकों को बंधक बनाए जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।