रतलाम। कोरोना संकट के कारण देश के साथ ही प्रदेश में भी लॉकडाउन के कारण लगभग सभी आर्थिक गतिविधियाँ थम गयी हैं। सभी बड़े उद्योगों के साथ ही लघु और गाँवों के उद्योग भी बन्द हैं। शहरों के निर्माण कार्य भी रूके हुए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सशर्त अनुमति दी गई है। खेती-किसानी के कार्य में ठहराव की स्थिति है। इन सब कारणों से मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। मजदूरों के अलावा अन्य सभी वर्गों के लोगों को आर्थिक सुरक्षा की चिंता सता रही थी। सुबह-शाम भोजन की, चिंता बनी हुई थी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इन सब परिस्थितियों के बीच पदभार ग्रहण करने के साथ ही लगातार अधिकारियों, जन-प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और धर्मगुरूओं के साथ चर्चा की, उनकी राय ली और तत्काल निर्णय लेकर लोगों को राहत पहुँचाना शुरू किया। परिणामस्वरूप लोगों में उत्साह का संचार हुआ और वे निश्चिंत होकर लॉकडाउन का महत्व समझते हुए निर्देशों का पालन करने लगे।
निर्धन, कमजोर वर्गों और श्रमिकों के लिये प्रमुख निर्णय
प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित पेंशन आदि का भुगतान दो माह के अग्रिम के रूप में किया जाने का निर्णय लिया गया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में 46 लाख हितग्राहियों के खातों में दो माह की पेंशन राशि लगभग 562 करोड़ रूपये अग्रिम जमा करायी गयी है। संनिर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत 8 लाख 85 हजार मजदूरों के खातों में प्रारंभ में 1000 रूपये की सहायता राशि और बाद में 1000 रूपये की राशि अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया।
ग्राम पंचायतों में पंच परमेश्वर योजना की प्रशासकीय मद में उपलब्ध राशि का उपयोग लोगों के भोजन/आश्रम की व्यवस्था के लिए किये जाने का निर्णय लिया गया। इसमें प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य निराश्रितों एवं असहायों के भोजन आदि की व्यवस्था करने के लिये 70 करोड़ रूपये से अधिक की राशि जारी की गई है।
मध्यप्रदेश के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को, जो अन्य राज्यों में फँसे हैं, उनकी तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये उनके बैंक खाते में एक हजार रूपये भेजने का निर्णय लिया गया। प्रत्येक जिले के लिये राहत शिविरों की व्यवस्था के लिये दो करोड़ रूपये तथा अन्य आकस्मिक व्यवस्थाओं के लिये एक करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश में लॉकडाउन के कारण फँसे अन्य 22 राज्यों के 7000 प्रवासी श्रमिकों को भी उनकी तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये प्रति मजदूर एक हजार रूपये की सहायता देने का निर्णय लिया गया ।
मध्यान्ह भोजन की राशि विद्यार्थियों के खाते में
शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत 60 लाख 81 हजार और प्रदेश की शासकीय माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत 26 लाख 68 हजार विद्यार्थियों के खाते में मध्यान्ह भोजन योजना की राशि जमा करने का निर्णय लिया गया। इन छात्रों तथा दो लाख रसोइयों के खातों में लगभग 165 करोड़ की राशि जमा कराई गई है।
सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में फीस जमा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2020 कर दी गयी है। छात्रवृत्ति योजना में 430 करोड़ की राशि मिशन वन क्लिक से विद्यार्थियों के खातों में जमा कराई गयी है। कक्षा एक से 8 तक सभी विद्यार्थियों को इस वर्ष जनरल प्रमोशन दे दिया गया है। प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों में लॉकडाउन अवधि तक के लिए अवकाश घोषित कर दिया गया है।
प्रदेश में लॉकडाउन के चलते स्कूल एवं कॉलेज बंद होने के फलस्वरूप सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ऑनलाइन माध्यमों से अध्ययन एवं अध्यापन कार्य किया जा रहा है ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई किसी भी स्थिति में प्रभावित न हों।
नि:शुल्क राशन
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्र परिवारों को एक माह का राशन निःशुल्क दिए जाने का निर्णय लिया गया। चार बड़े संभागीय मुख्यालयों के लिये 10 हजार क्विंटल, शेष 6 संभागीय मुख्यालयों के लिये 7,500 क्विंटल तथा शेष सभी जिलों के लिये खाद्यान्न उठाव की अधिकतम सीमा 2,000 क्विंटल स्वीकृत की गई। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सभी हितग्राहियों को मई, 2020 तक का राशन का अग्रिम रूप से मार्च, 2020 में ही करवाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत एक करोड़ 16 लाख परिवारों को 7 लाख 71 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न प्रदाय किया गया है।
किसानों को 2900 करोड़ की बीमा राशि
सरकार ने किसानों की सुविधा के लिये किसान क्रेडिट कार्ड के भुगतान की अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2020 तक बढ़ा दी है। इसी तरह सरकार द्वारा किसानों को फसल बीमा का लाभ देने के उद्देश्य से मार्च माह में ही बीमा कंपनियों को 2200 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए। इससे अब शीघ्र ही प्रदेश के 15 लाख किसानों को 2900 करोड़ रूपये की बीमा राशि प्राप्त होगी। किसानों को इस वर्ष भी शून्य ब्याज दर पर ऋण दिये जाने का निर्णय लिया गया। प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को जो फसल ऋण वर्ष 2018-19 में दिया गया था, उसके भुगतान की अंतिम तिथि भी 28 मार्च से बढ़ाकर अब 31 मई 2020 कर दी गई है।
गेहूँ का उपार्जन शुरू
प्रदेश में गत 15 अप्रैल 2020 से रबी उपार्जन कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। किसानों को तीन प्रकार से अपनी फसल बेचने की सुविधा दी गयी है। पहले उपार्जन केन्द्र से, दूसरी मंडी द्वारा अधिकृत प्राइवेट खरीद केन्द्रों से और तीसरी मंडी में पंजीकृत व्यापारी को सौदा पत्रक के माध्यम से ग्राम स्तर पर। प्रदेश में विगत वर्ष कुल 3511 उपार्जन केंद्र संचालित थे। इस वर्ष 4000 से भी अधिक उपार्जन केन्द्र बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। उपार्जन केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ स्वास्थ्य परीक्षण की भी व्यवस्था की गयी है।
प्रदेश में तेंदूपत्ता तुड़ाई का कार्य भी 25 अप्रैल से प्रारंभ किया जा रहा है। तेंदूपत्ता की क्रय दर इस बार 2500 रूपये प्रति मानक बोरा निर्धारित की गयी है।