बिजली कंपनियों की सहायता के लिए 70000 करोड़ का कोविड-़19 पैकेज जल्द

Posted By: Himmat Jaithwar
4/21/2020

कोरोना के कारण 25 मार्च से 3 मई तक पूरा भारत लॉकडाउन है। राष्ट्रव्यापी तालाबंदी से फैक्ट्रियां बंद हैं, निर्माण गतिविधि निलंबित हैं,  रेस्तरां और दुकानें भी बंद हैं। आम आदमी तो इन सबसे जूझ ही रहा है पावर कंपनियां भी संकट में हैं। नकदी की किल्लत, बिजली बिल के कलेक्शन में तेज गिरावट और अपरिवर्तित टैरिफ से इनका बैलेंस शीट इतना बिगड़ गया है कि सरकार बिजली क्षेत्र के लिए 70,000 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज पर काम कर रही है। शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि बिजली दरों में वृद्धि वितरण कंपनियों के लिए प्राथमिक राजस्व स्रोत (डिस्कॉम) जो घरों, कारखानों और कॉर्पोरेट टावरों तक बिजली पहुंचाते हैं, लगभग 80 प्रतिशत तक गिर गए हैं।

गर्मी के बावजूद पीक ऑवर में बिजली की मांग घटी

तापमान बढ़ने के बाद भले ही कोरोना का कुछ न बिगड़ रहा हो पर आने वाले दिनों में बिजली सप्लाई करने में सरकार के पसीने निकलने लगेंगे। उधर उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में कई क्षेत्रों में 40 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान के साथ तेजी से आ रही गर्मी के बावजूद पीक ऑवर में बिजली की मांग में तेजी से गिरावट आई है।

55,000 करोड़ से 12,000 करोड़ रुपये पर आ गया बिल कलेक्शन

अप्रैल 2019 में 165-168 गीगावाट की तुलना में वर्तमान बिजली की खपत घटकर 125 गीगावाट हो गई है। इसकी वजह से डिस्कॉम के बिल संग्रह में भी भारी गिरावट आई है। पिछले साल 30-45 दिन के चक्र के दौरान डिस्कॉम का संग्रह करीब 55,000 करोड़ रुपये थी वहीं पिछले 30 दिनों के दौरान औसत संग्रह लगभग 12,000 करोड़ रुपये पर आ गया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय अब 70,000 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज को फास्ट ट्रैक करने की कोशिश करेगा जो इस कठिन वक्त से निकालने में संकटग्रस्त बिजली कंपनियों की सहायता करेगा।



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