हाईकोर्ट ने बदला आदेश; अब जबलपुर और ग्वालियर में भी 3 मई तक नहीं होगा नियमित कामकाज

Posted By: Himmat Jaithwar
4/21/2020

भोपाल. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अपना पूर्व का आदेश बदलते हुए सोमवार को नया परिपत्र जारी कर दिया है। इसके तहत अब मुख्यपीठ जबलपुर और ग्वालियर पीठ में भी 3 मई तक नियमित कामकाज नहीं होगा। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकरणों के मद्देनजर हाईकोर्ट प्रशासन ने यह फैसला लिया है। चीफ जस्टिस एके मित्तल के आदेश के बाद रजिस्ट्रार जनरल राजेन्द्र कुमार वाणी ने इस संबंध में परिपत्र जारी कर दिया। 

इसके पहले 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा के बाद मप्र हाईकोर्ट ने केवल इंदौर बैंच और प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों में 3 मई तक बंद करने के आदेश जारी किए थे। हाईकोर्ट ने मुख्यपीठ जबलपुर और ग्वालियर बैंच में 20 अप्रैल के बाद कामकाज शुरू करने के आदेश दिए थे, जिसे आज बदल दिया गया। 

6 अप्रैल को जारी हुई थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग 

अगले आदेश तक मुख्यपीठ जबलपुर, इंदौर एवं ग्वालियर पीठ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अर्जेंट मामलों की सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 6 अप्रैल को देश भर के उच्च न्यायालयों को अर्जेंट मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करने संबंधी गाइडलाइन जारी की थी। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जनहति में न्याय दान की प्रक्रिया भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि अर्जेंट और खासतौर पर जमानत के मामलों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की तकनीक को अपना कर अदालती कामकाज किया जा सकता है। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई
हाईकोर्ट प्रशासन ने अधिवक्ताओं को कहा है कि वे ई-फाइलिंग के जरिए याचिका, आवेदन और जमानत अर्जियां पेश करें। कोर्ट ने कहा कि मूल याचिका और उससे जुड़े सभी दस्तावेज स्केन करने के बाद पीडीएफ फॉर्मेट में पेश करें। कोई भी वकील कार्यालयीन समय पर याचिका और आवेदन पेश कर सकता है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रकरणों की सुनवाई सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हाईकोर्ट और जिला न्यायालय के स्तर पर जजों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। ये नोडल अधिकारी पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करेंगे और समस्याओं का समाधान करेंगे।



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