आधे प्रदेश में आज से लोगों को थोड़ी राहत, बाजार खुलेंगे, भोपाल- इंदौर और उज्जैन सहित हॉट स्पॉट जिलों को कोई रियायत नहीं

Posted By: Himmat Jaithwar
4/20/2020

भोपाल. प्रदेश के 26 जिलों के निवासियों के लिए राहतभरी खबर है। आज से यहां बाजार खुल जाएंगे और अन्य जरूरी काम भी लोग कर सकेंगे। लेकिन, मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। प्रदेश सरकार के अनुसार  जो जिले संक्रमण से मुक्त हैं वहां सभी तरह के काम-काज के साथ आर्थिक गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। जहां संक्रमण है, वहां के कंटेनमेंट इलाके में किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं होगी। बाकी क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ढील रहेगी। इसके साथ ही हॉट स्पॉट बन चुके जिलों में सरकार ने किसी भी तरह की छूट नहीं दी है। 

10 से ज्यादा केस (रेड जोन)
इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, मुरैना, बड़वानी, होशंगाबाद, खंडवा, धार, देवास, विदिशा और आगर मालवा। इन जिलों में सरकार ने कोई छूट नहीं दी है। यहां लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाएगा।

10 के कम केस (ओरेंज जोन)
राजगढ़, रायसेन, अलीराजपुर, टीकमगढ़, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, सागर, श्योपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, ग्वालियर और शिवपुरी। यहां लॉकडाइन के तहत जिला प्रशासन छूट के नियम तय करेंगे। यहां के कंटेनमेंट एरिया में सख्ती रहेगी। यहां आने-जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। कंटेनमेंट एरिया में व्यावसायिक गतिविधियां भी नहीं शुरू होंगी। 

इन जिलों में कोई केस नहीं (ग्रीन जोन)
भिंड, गुना, अशोकनगर, दतिया, नीमच, झाबुआ, सीहोर, बुरहानपुर, हरदा, दमोह, पन्ना, छतरपुर, कटनी, सीधी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, रीवा, सिंगरौली, सतना, उमरिया, डिंडोरी, शहडोल अनूपपुर, निवाड़ी। यहां लॉकडाउन लागू रहेगा। लेकिन लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य रहेगा। धारा 144 यथावत रहेगी। व्यावसायिक गतिविधियां आम दिनों की तरह चलेंगी।  

राजधानी में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी कई-कई दिन तक घर नहीं जा रहे हैं। जो कभी-कभार घर भी जा रहे हैं तो दूर से ही अपने परिवार को देखकर आ जाते हैं। इस मुश्किल दौर में वे अपनी ड्यूटी को बखूबी निभा रहे हैं। विभाग द्वारा उनका पूरा-पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जो जहां है वहां उसे ठंडा पानी और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

मंत्रालय-निदेशालय में ढील नहीं  

मप्र में सोमवार से शासकीय कामकाज बढ़ाने और एक तिहाई अधिकारियों को दफ्तर बुलाने की व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया कि वल्लभ भवन (मंत्रालय) और निदेशालय (सतपुड़ा और विंध्याचल भवन) में अभी ढील नहीं मिलेगी। पूर्व की तरह जिन जरूरी विभागों में अफसर आ रहे हैं, वे ही आएंगे। बाकी घर से ही काम करेंगे। जिन अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को लगता है कि किसी प्रथम या द्वितीय श्रेणी कर्मचारी को बुलाना है तो यह आदेश मौखिक होगा। शासन स्तर पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने सभी अधिकारियों से इस संबंध में बात की। रेड जोन में आने वाले जिलों में पूर्णत: सख्ती जारी रहेगी। लाॅकडाउन के नियमों का पालन होगा।

भोपाल में 27 नए मामले, इंदौर में 7 नए मरीज मिले

रविवार को भोपाल में 27 नए पॉजिटिव मिले हैं। वहीं, इंदौर में 7 नएम मरीज मिले। यहां चार मरीजों की मौत भी हुई है। भोपाल में 9 दिन की एक मासूम कोराना पॉजिटिव पाई गई है। उसे यह संक्रमण जन्म के क्षणों में ही मिल गया था। आंख खोलने के साथ ही उसका सामना कोराेना से हुआ। क्योंकि मां का सिजेरियन कर उसे इस दुनिया में लाने वाली चार में से एक डॉक्टर संक्रमित थी। बच्ची अब मां के आंचल की छांव में ही बीमारी से लड़ रही है। मां को कोरोना का संक्रमण नहीं पाया गया है। उधर, राजधानी में रविवार को 450 सैंपल की रिपोर्ट आई है, जिनमें से 27 नए पॉजिटिव मिले हैं। शहर में पहली बार एक ही दिन में इतने पॉजिटिव मिले हैं। इनमें दीनदयाल रसोई में काम करने वाला नगर निगम कर्मचारी, एक दूधवाला, पांच जमाती, चार पुलिस कर्मचारी और चार अन्य बच्चे भी शामिल हैं। भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 189 से बढ़कर 216 पर पहुंच गई है। 15 दिन में भोपाल में कोरोना के 174 मरीज मिले चुके हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि 440 सैंपल की रिपोर्ट मिली है, इसमें से 27 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

लॉकडाउन का दूसरा पहलू: ग्वालियर के हजीरा क्षेत्र निवासी एक परिवार की है। ई-रिक्शा में कैथेटर के साथ लेटी बालिका है राकेश की बेटी दामिनी। इन्हें न्यूरो संबंधी परेशानी है। राकेश ई-रिक्शा से दामिनी को इलाज के लिए जेएएच लेकर पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती करने की बजाय लौटा दिया। बाद में यह जानकारी न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश उदैनिया को मिली तो उन्होंने दामिनी को न्यूरोलॉजी विभाग में ले जाने के लिए कहा और ड्यूटी डॉक्टर को उसे देखने के लिए कहा। डॉ. उदैनिया ने बताया कि दामिनी की क्षय रोग की हिस्ट्री है। उसका कैथेटर बदलवाकर दवा दे दी हैं।

एक-दो दिन में आएंगे कोटा में फंसे छात्र, 100 बसें भेजेंगे

मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा (राजस्थान ) पढ़ने गए करीब 2500 छात्र-छात्राओं को लाने की तैयारी हो रही है। शासन स्तर से मिले निर्देशों के तहत श्योपुर कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कोटा कलेक्टर ओम प्रकाश कसेरा से समन्वय कर लिया है। एक-दो दिनों में 50 सीटर करीब 100 बसें भेजी जाएंगी। छात्रों को लाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि बसों में 20 से अधिक छात्र न बैठें। छात्रों के साथ ही दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए भी रास्ता खुलेगा। वे मप्र आते हैं तो उनकी मप्र की सीमा पर स्क्रीनिंग होगी। जरूरत पड़ी तो उन्हें कुछ समय के लिए वहीं रखा जा सकता है। डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर फाइनेंस गुणवंत सेवतकर का कहना है कि छात्रों को लेने जाने वाली गाड़ियों के स्टाफ के साथ खाने-पीने का सामान सहित जरूरी दवाइयां आदि भी पहुंचाई जाएगी। इनके साथ कुछ पैरामेडिकल स्टाफ भी जाएगा।


राज्य में कितने संक्रमित, कितनी मौत, कितने ठीक हुए

  • अब तक 1407 संक्रमित: इंदौर में 890, भोपाल में 214, खरगोन में 43, खंडवा में 32, बड़वानी में 24, धार में 21, उज्जैन में 31, होशंगाबाद 24, देवास में 19, जबलपुर में 20, मुरैना में 16, विदिशा में 13, रतलाम में 9, मंदसौर में 8, रायसेन में 7, ग्वालियर में 6, शाजापुर में 5, आगर मालवा में 6, अलीराजपुर में 3, श्योपुर-छिंदवाड़ा में 4-4, शिवपुरी-सागर में 2-2, बैतूल, टीकमगढ़-राजगढ़ में 1-1 संक्रमित है। एक यूपी का भी संक्रमित है।
  • 72 की मौत: इंदौर 50, भोपाल 6, उज्जैन 6, देवास 5, खरगोन 3, छिंदवाड़ा-मंदसौर में एक-एक मौत हुई।
  • 131 मरीज ठीक हुए: इंदौर 71, मुरैना 7, जबलपुर-ग्वालियर 6-6, उज्जैन 5, भोपाल 31, खरगोन में 3 और शिवपुरी में 2 मरीज की इलाज के बाद अस्पताल से छुट्‌टी हो गई है।

(स्वास्थ्य विभाग द्वारा 19 अप्रैल 2020 को जारी बुलेटिन के अनुसार)

जिला प्रशासन द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार

  • इंदौर 897,  भोपाल 235 मरीज। 
  • मौत- इंदौर 52, भोपाल 7



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