खंडवा. जिला अस्पताल स्थित आइसाेलेशन वार्ड में गंभीर लापरवाही सामने आई। इलाज के लिए यहां भर्ती काेराेना पाॅजिटिव दाे मरीज भाग गए। इसमें से कोरोना पॉजिटिव मरीज महिला को पंधाना रोड धर्मकांटा व पुरुष मरीज को उसके घर से टीम ने पकड़कर आइसोलेशन वार्ड में पुन: भर्ती कराया। बताया जा रहा है कि आइसाेलेशन वार्ड में भर्ती काेराेना पाॅजिटिव मरीजाें काे पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलने के कारण वे यहां से भागे थे। विभाग इन घटनाओं को छिपाने की कोशिश कर रहा है।
- पहली घटना : पदमनगर कॉलोनी में एक घर के बाहर शनिवार सुबह 8 बजे एक महिला अस्पताल का एप्रिन पहने बैठी हुई थी। उसके हाथ में फाइल व एक पॉलीथिन में कागज रखे हुए थे। फाइल पर मरीज का नाम व कोविड-19 लिखा हुआ देख क्षेत्र में हड़कंप मच गया। क्षेत्रवासी लव तेजवानी व साथियों ने हेल्पलाइन नंबर 104 पर फोन लगाकर संदिग्ध महिला को पकड़ने का आग्रह किया। जिस पर उन्हें जवाब मिला कि आप डायल 100 को फोन लगाइए। डायल 100 पर शिकायत की गई तो उन्होंने 108 नंबर पर सूचना देने को कहा। इसके बाद युवकों ने स्थानीय हेल्पलाइन नंबर 07332224545 पर फोन लगाया। डेढ़ घंटे तक महिला क्षेत्र में ही घूमती रही। ढाई घंटे बाद महिला को पंधाना रोड धर्मकांटा के पास से पुलिस ने पकड़कर आइसोलेशन वार्ड लाकर छोड़ा।
- दूसरी घटना : इधर, लाल चौकी क्षेत्र का एक कोरोना पॉजिटिव मरीज शनिवार सुबह घर पहुंच गया। उसने परिजन व पड़ोसियों से कहा कि अस्पताल से मेरी छुट्टी हो गई है। मरीज को देख परिजन व पड़ोसी भी घबरा गए। क्षेत्रवासियों ने हेल्प लाइन नंबर पर फोन लगाया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम चोरी छिपे महिला की तलाश कर रही थी। तभी कोरोना पॉजिटिव पुरुष के भागने की जानकारी मिलने पर उसके घर पहुंचे। जहां से मरीज को पकड़कर आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया।
ऐसे हैं हालात : आइसोलेशन वार्ड में भी संक्रमण का डर, क्योंकि 14 मरीज कर रहे 1 बाल्टी का इस्तेमाल
कोरोना वायरस पॉजिटिव 32 मरीजों का इलाज जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है। यहां साफ-सफाई व भोजन की व्यवस्था मरीजों के हिसाब से ठीक है, लेकिन नहाने के लिए 14 मरीजों को मात्र एक बाल्टी दी गई है। जिससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों ने कहा कि वार्ड में डॉक्टर भी दिनभर देखने नहीं आते। नर्स व सफाईकर्मी भी डरते हैं। यहां सभी मरीज अच्छे होने के लिए भर्ती हुए है जो कि डॉक्टर, नर्स व सफाईकर्मी को मरीजों से कोई परेशानी नहीं है। मरीजों के मुताबिक वे सामान्य हैं और 14 दिन बाद वार्ड से एकदम स्वस्थ होकर बाहर निकलेंगे। एक मरीज ने कहा कि इंसुलिन का समय पर इंतजाम नहीं होने शुगर बढ़ने का खतरा है। सर्दी, खांसी व बुखार जैसे कोई लक्षण नहीं है।
डॉक्टर ने कहा- यह महिला मरीज नहीं तब जाने दिया
कोरोना पॉजिटिव महिला मरीज शनिवार सुबह 6.30 बजे पहले थर्ड फ्लोर की सीढ़ियों से नीचे उतरने के लिए आई, लेकिन उतर नहीं सकी। तब वह रैंप के सहारे ग्राउंड फ्लोर पहुंची। यहां पर तैनात गार्ड ने उसे बाहर जाने से रोका और वार्ड में तैनात डॉक्टर से फोन पर मरीज का नाम लेकर कहा कि क्या यह भर्ती है तो उधर से डॉक्टर ने बोला यह मरीज यहां नहीं है। इसके बाद गार्ड ने उसे जाने दिया। गार्ड ने यह बयान एएसपी के सामने दिया।
पुलिस कंट्रोल रूम से कोरोना वार्ड की होगी निगरानी, सीसीटीवी कैमरे लगे
मरीज के भागने की सूचना के बाद कलेक्टर-एसपी ने जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड की सुरक्षा का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने पुलिस कंट्रोल रूम से वार्ड की निगरानी के साथ ही कोरोना मरीजों के आने-जाने के लिए एक ही गेट बनाने के निर्देश दिए। इसके बाद शनिवार शाम को कोरोना वार्ड को कंट्रोल रूम से अटैच कर दिया गया।
महिला मरीज और पुरुष के भागने की शिकायत मिली
सीएसपी ललित गठरे ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड से एक महिला मरीज और पुरुष के भागने की शिकायत मिली थी। महिला को पंधाना रोड स्थित धर्मकांटा के पास पकड़ा। जबकि लाल चौकी के कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के उसके घर पर होने की शिकायत पर पुलिस उसके घर गई, लेकिन वह नहीं मिला। वही कर्मचािरयों ने कहा मरीज वार्ड में ही था। कलेक्टर तन्वीं सुद्रियाल का कहना है कि पीड़िता अपने बच्चे को खोने से तकलीफ में थी। जिसके कारण उसने निकलने कोशिश की। इसलिए हमने सुरक्षा इंतजाम को री-वैप करने के अलग-अलग उपाय देखे।