भोपाल। कोरोनावायरस के कहर से रिलैक्स मिलते ही मध्यप्रदेश में राजनीति का चक्का फिर से घूमने लगा है। राजधानी भोपाल में पॉलिटिकल पार्टियों के कथित बुद्धिजीवियों का अड्डा 'माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय' एक बार फिर सुर्खियों में है। वरिष्ठ पत्रकार एवं दिग्विजय सिंह के नजदीकी श्री दीपक तिवारी ने माखनलाल यूनिवर्सिटी के कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया है।
माखनलाल यूनिवर्सिटी में दिग्विजय सिंह की योजना पर काम चल रहा था
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से माखनलाल यूनिवर्सिटी में दिग्विजय सिंह की योजना पर काम चल रहा था। वैसे भी बौद्धिक क्षेत्र शायद कमलनाथ की रूचि का क्षेत्र नहीं है। आरोप लगाए गए थे कि दिग्विजय सिंह ने श्री दीपक तिवारी की नियुक्ति के जरिए माखनलाल यूनिवर्सिटी को RSS/MODI पर बौद्धिक हमला करने वाले योद्धाओं का मोर्चा बनाने का काम सौंपा था। कहते तो यहां तक भी है कि दिलीप मंडल, मुकेश कुमार और अरुण त्रिपाठी की नियुक्ति इस योजना के तहत की गई थी।
ब्रजकिशोर कुठियाला बनने से अच्छा था इस्तीफा देना
आलोचकों का कहना है कि श्री दीपक तिवारी ने इस्तीफा देकर अपने गौरव और सम्मान की रक्षा की है। यदि वह ऐसा नहीं करते तो उनके साथ भी कुछ इस तरह की कार्यवाही होती जैसी की प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला के खिलाफ हुई थी। श्री दीपक तिवारी ने अपना इस्तीफा श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री एवं अध्यक्ष महापरिषद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नाम सौंपा है। जिसे जनसंपर्क संचालनालय की सचिव श्री पी नरहरि ने प्राप्त किया।