नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के छात्र शर्जील इमाम के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली है। उस पर भड़काऊ भाषण देने और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दंगों के लिए उकसाने का आरोप है। शर्जील ने 16 जनवरी को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में ‘भारत के टुकड़े’ बयान दिया था। 28 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से शर्जील को जहानाबाद से गिरफ्तार कर लिया। वीडियो में शर्जील कहता दिखा था- सेना के लिए असम का रास्ता रोकें
जेएनयू में मॉडर्न इंडियन हिस्ट्री के छात्र शर्जील ने 16 जनवरी को एएमयू में सभा की। इस दौरान कहा था, ‘‘क्या आप जानते हैं कि असमिया मुसलमानों के साथ क्या हो रहा है? एनआरसी पहले से ही वहां लागू है, उन्हें हिरासत में रखा गया है। आगे चलकर हमें यह भी पता चल सकता है कि 6-8 महीने में सभी बंगालियों को मार दिया गया। हिंदू हों या मुस्लिम। अगर हम असम की मदद करना चाहते हैं, तो हमें भारतीय सेना और अन्य आपूर्ति के लिए असम का रास्ता रोकना होगा। ‘चिकन नेक’ मुसलमानों का है। अगर हम सभी एक साथ आते हैं, तो हम भारत से पूर्वोत्तर को अलग कर सकते हैं। यदि हम इसे स्थायी रूप से नहीं कर सकते, तो कम से कम 1-2 महीने के लिए हम ऐसा कर सकते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि भारत से असम को काट दें। जब ऐसा होगा, उसके बाद ही सरकार हमारी बात सुनेगी।’’
चिकन नेक 22 किमी का हाईवे है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। शर्जील के इस भाषण के बाद उस पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने उसका लैपटॉप, कम्प्यूटर जब्त किया था। शर्जील और पीएफआई के संबंधों की भी जांच की जा रही है।
डेनमार्क में भी नौकरी कर चुका है शर्जील
जहानाबाद के काको में शर्जील का पैतृक घर है, लेकिन गांव में वह कभी नहीं रहा। गांव में नहीं रहने के कारण कोई उसे पहचानता भी नहीं है। शर्जील का शैक्षणिक बैकग्राउंड काफी बेहतर रहा है। मुंबई से आईआईटी करने के बाद वह उसी कॉलेज में टीचिंग असिस्टेंट का काम कर चुका है। इमाम ने डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में भी नौकरी की है।
जदयू के कद्दावर नेता थे शर्जील के पिता, परिवार अब भी राजनीति में
शर्जील के पिता अरशद इमाम जदयू के कद्दावर नेता थे। 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में अरशद ने जहानाबाद से जदयू का टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार मिली। अरशद इमाम की पहचान जहानाबाद के एक पूर्व सांसद के प्रतिनिधि के रूप में भी रही थी। राजनीतिक गलियारों में अरशद एक जाना-पहचाना चेहरा माने जाते थे। पिता की मौत के बाद अब शर्जील का भाई मुजम्मिल स्थानीय राजनीति में सक्रिय है। चाचा अरशद इमाम भी जदयू के प्रखंड स्तर के नेता हैं।