कलेक्टर ने कहा-हाई रिस्क का समय अब निकला, क्वारैंटाइन केंद्रों से 3 दिन में 500 लोग घर गए; संदिग्ध भी कम

Posted By: Himmat Jaithwar
4/18/2020

इंदौर. कोरोना के खिलाफ जंग में पहली बार कुछ राहत की खबरें मिलती दिख रहीं हैं। 43 क्वारैंटाइन केंद्रों में तीन दिन पहले तक 1900 से अधिक लोग थे। अब 1400 तक रह गए। करीब 200 लोग ही नए क्वारैंटाइन में आए हैं। कंटेनमेंट एरिया में 12 लाख लोग हैं, प्रशासन का दावा है कि इनमें छह लाख का सर्वे हो चुका है। सर्दी, खांसी जैसे लक्षण वाले केवल 616 लोग सामने आए। 40 संदिग्ध लक्षण वाले नजर आए। यलो अस्पताल में सर्दी, खांसी जैसे लक्षण वाले मरीजों की संख्या में चार दिन में 50 फीसदी की कमी आई है। दरअसल, प्रशासन ने हाईरिस्क मरीजों को चिह्नित करने के लिए कई सैंपलिंग की, जो 6000 तक पहुंच गई। अब हाईरिस्क वाले अधिकांश कवर हो गए हैं। कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने कहा, चार-पांच दिन में स्थिति सामान्य की ओर जाएगी।

8 दिन में बल्क में सैंपलिंग

16 अप्रैल  
(दिल्ली और एमजीएम के मिलाकर)
 998
15 अप्रैल    
(दिल्ली और एमजीएम के मिलाकर)
 582  
14 अप्रैल             
(एमजीएम और निजी लैब)
 558  
13 अप्रैल        585
12 अप्रैल        600
11 अप्रैल      780
10 अप्रैल       779 
9 अप्रैल       402

एमजीएम कॉलेज की पड़ताल : 70% मृतकों को पुरानी बीमारी, 60% की उम्र 55 से ज्यादा

  •  अब तक मृत 47 में से करीब 70 फीसदी मरीज पुरानी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। 
  •  करीब 60% मौतें उन लोगों की हुई, जो 55 साल से अधिक उम्र के थे।
  •  शुरुआती 30 मौतों में से 29 मरीज ऐसे थे, जिनके दोनों फेफड़ों में संक्रमण पहुंच चुका था।

कलेक्टर बोले- जनवरी-फरवरी में विदेश से आए लोगों के कारण फैला कोरोना
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि जनवरी-फरवरी में विदेशों से पांच -छह हजार यात्री इंदौर आए। इनके कारण ही मुख्य तौर पर कोरोना फैला है। तब एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग हो जाती और उन्हें क्वारैंटाइन किया जाता तो यह हालात नहीं होते। अब हाई रिस्क समय निकल गया है, लेकिन 3 मई तक किसी तरह की छूट नहीं देंगे। पूरे शहर में सर्वे, स्क्रीनिंग पर ध्यान दिया जा रहा है। 



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