जमात के प्रमुख मौलाना साद के बड़े बेटे यूसुफ ने गुरुवार को इंडिया टुडे टीम को फोन पर कहा कि मौलाना साद ठीक हैं, कोरोना नहीं हुआ, इतना कह फोन काट दिया. सूत्रों के मुताबिक, मौलाना साद जाकिर नगर वेस्ट में अपने एक रिश्तेदार के यहां रह रहा था. जाकिर नगर वेस्ट इलाका हॉटस्पॉट जोन में आता है. इलाका सील है और बाहर पुलिस का पहरा है.
वहीं अब मौलाना साद ने अपने उस निवास स्थान को बदल दिया है, जहां वो ठहरा था. मौलाना साद अब जाकिर नगर के दूसरे इलाके में रह रहा है. दरअसल, मौलाना साद प्राइवेट डॉक्टर के संपर्क में था. मिली जानकारी के मुताबिक, मौलाना साद ने खुद कोविड-19 की जांच कराई और रिपोर्ट नेगेटिव आई है. कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मौलाना ने अपना निवास स्थान बदल दिया.
बता दें कि पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित मरकज में तबलीगी जमात का एक कार्यक्रम हुआ था. इस कार्यक्रम में शामिल जमात के कई लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए. वहीं जिन राज्यों में जमात के लोग वापस गए वहां इनके संपर्क में आने से कई अन्य लोग भी इस संक्रमण के शिकार हो गए. इसके बाद देश में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी. अभी भी कई राज्यों में तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही हैं.
दिल्ली पुलिस ने जमात के मौलाना मोहम्मद साद समेत कई लोगों पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है. जमात में शामिल 1890 विदेशी नागरिकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया था और कार्यक्रम में शामिल हुए थे. पुलिस ने मरकज से 2300 से अधिक लोगों को बाहर निकाला था, जिनमें 500 से अधिक विदेशी थे.
इसके अलावा मरकज से जुड़े 18 लोगों को क्राइम ब्रांच ने नोटिस जारी कर जांच से जुड़ने को कहा है. पुलिस की ओर से मौलाना साद समेत 18 लोगों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया है. हालांकि, इसमें से 11 लोग खुद को क्वारनटीन बताकर पुलिस के सामने आने से बच रहे हैं. मौलाना साद ने भी खुद को क्वारनटीन बताया था. माना जा रहा है कि उसका आइसोलेशन पीरियड खत्म हो गया है और पुलिस कभी भी उसे गिरफ्तार कर सकती है.
मालूम हो कि अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तबलीगी जमात और मरकज के प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद और अन्य के खिलाफ लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी और अब ईडी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है.
वित्तीय जांच एजेंसी को संदेह है कि मौलाना साद के संगठन द्वारा विदेशों से बड़ी मात्रा में धन हासिल किया गया था और सरकारी अधिकारियों के समक्ष इसका खुलासा नहीं किया गया. ईडी द्वारा मौलाना साद के 8 सहयोगियों को भी बुक किया गया है.