व्रत / वरुथिनी एकादशी 18 अप्रैल को, भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा का महत्व है इस दिन

Posted By: Himmat Jaithwar
4/16/2020

वैशाख मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं। इस बार वरुथिनी एकादशी 18 अप्रैल को पड़ रही है। वरुथिनी एकादशी की व्रत पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी में विष्णुजी के विष्णु के वाराह अवतार की पूजा की जाती है।

वरुथिनी एकादशी व्रत कथा

  1. प्राचीन समय में नर्मदा नदी के किनारे मान्धाता नाम के राजा रहते थे। राजा एक बार तपस्या में लीन थे, तभी एक भालू ने उनका पैर चबा लिया और राजा को जंगल की ओर खींचकर ले गया।
  2. तब राजा ने विष्णु भगवान से प्रार्थना की। विष्णु भगवान ने अपने चक्र से भालू को मार डाला।
  3. राजा का पैर भालू ने नोचकर खा लिया था। राजा को दुखी देखकर विष्णु भगवान ने कहा कि ये तुम्हारे पूर्व जन्म का पाप है, जिसकी सजा तुम्हें इस जन्म में भुगतनी पड़ रही है। 
  4. राजा ने इससे मुक्ति पाने का उपाय पूछा तो विष्णुजी ने कहा कि राजन, तुम मेरी वाराह अवतार मूर्ति की पूजा और वरुथिनी एकादशी का व्रत करो। 
  5. इससे तुम्हारे पाप कट जाएंगे और व्रत के प्रभाव से दोबारा अंगों वाले हो जाओगे। 
  6. इसके बाद राजा ने वरुथिनी एकादशी का व्रत धारण किया तो उनका पैर फिर से ठीक हो गया।



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