आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कथित जमीन घोटाले मामले में फिर से जांच शुरू कर दी है।
भोपाल। कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं।आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कथित जमीन घोटाले मामले में फिर से जांच शुरू कर दी है।
यह मामला करीब 10 हजार करोड़ की जमीन के घोटाले का है जिसमें एक ही जमीन को कई बार बेचने का आरोप है। इसके साथ ही सरकारी जमीन को भी बेचने का आरोप है। 2014 में मामले की जांच हो चुकी है।
बता दें मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए। दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सिंधिया को भाजपा की सदस्यता दिलाई।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से अलग होने के पीछे तीन मुख्य कारण गिनाए। उन्होंने मंगलवार को भाजपा में शामिल होने के दौरान कांग्रेस से अपनी नाराजगी के कारण स्पष्ट किए।
सिंधिया ने पहला कारण बताते हुए कहा कि "कांग्रेस में जड़ता की स्थिति है। पार्टी वास्तविकता से इनकार करती है। पार्टी में नए नेतृत्व को मान्यता नहीं मिल रही है।" यह कहकर सिंधिया ने पार्टी में बुजुर्ग नेताओं के वर्चस्व पर निशाना साधा। जाहिर सी बात है कि उनका इशारा कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की तरफ था।
सिंधिया ने कांग्रेस से मोहभंग होने के पीछे मध्य प्रदेश सरकार में भ्रष्टाचार को भी कारण बताया। मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम लिए बगैर उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा। सिंधिया ने कहा, "मध्य प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग चल रहा है। जब वहां सरकार बनी तो मध्य प्रदेश को लेकर हमने एक सपना पिरोया था। लेकिन 18 महीने में वे सारे सपने बिखर गए, चाहे वह किसानों के ऋण माफ करने की बात हो या पिछली फसल का बोनस न मिलना हो, ओलावृष्टि से नष्ट फसल आदि का भी मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है। मंदसौर के हजारों किसानों पर आज भी मुकदमा लदा हुआ है।"
इस बयान के जरिए सिंधिया ने संकेतों में संदेश दे दिया की राज्य की कमलनाथ सरकार में उनकी बिल्कुल नहीं चल रही थी।
इसके अलावा सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को भी भाजपा में आने के पीछे का कारण बताया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का भविष्य सुरक्षित है।"