ट्रेनें न चलने पर आंदोलन की धमकी देने वाला गिरफ्तार, ट्वीट करके कहा था- भूखे मरने से अच्छा पैदल गांव जाएंगे

Posted By: Himmat Jaithwar
4/15/2020

मुंबई. बांद्रा में रेलवे स्टेशन के बाहर मंगलवार शाम को हजारों मजदूरों की भीड़ जमा हो गई थी। कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहां सरकार का सोशल डिस्टेंसिंग पर पूरा जोर है। वहां एक साथ बिना किसी सुरक्षा के इतने मजदूरों के सड़कों पर उतर जाने के बाद सवाल खड़े हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में अफवाह फैलाने के लिए जिम्मेदार मानते हुए नवी मुंबई के एनजीओ संचालक विनय दुबे को गिरफ्तार किया है। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 21 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

विनय ने लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए फेसबुक पर कुछ दिन पहले 'चलो घर की ओर' नाम से एक कैंपेन शुरू किया था। उसने इससे जुड़ा एक वीडियो भी बनाया था। अब तक जांच में पता चला है कि विनय के पिता मुंबई में एक ऑटो रिक्शा चालक थे। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर विनय ने खुद को एक उद्यमी और समाजसेवक के रूप में पेश किया है। वह खुद को राज ठाकरे का करीबी भी बताता है, हालांकि मनसे ने उसके इस दावा का खंडन किया है। 

झूठा वीडियो जारी किया, माना जा रहा है, इसीलिए जुटी भीड़

विनय ने महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए 40 बसों का इंतजाम किए जाने की जानकारी एक वीडियो के माध्यम से फेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट की थी। माना जा रहा है कि इसी के बाद यह भीड़ अचानक बांद्रा स्टेशन के बहार जमा हुई। इस वीडियो को अब तक कई हजार लोग शेयर और लाइक कर चुके हैं। इस वीडियो में उसने यह भी कहा था कि यह बस सेवा पूरी तरह से नि:शुल्क रहेगी। 

देशव्यापी आंदोलन की दी थी चेतावनी
विनय ने अपने अकाउंट पर एक और पोस्ट शेयर की थी। इसमें उसने तक ट्रेनें के शुरू न होने पर देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।

विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार बनाने की बात लिखी
दुबे ने सोशल मीडिया में दावा किया है कि वह विधानसभा चुनाव की उम्मीदवारी के लिए भी खड़ा हुआ था। उसे एनसीपी ने टिकट दिया था। जिसकी तस्वीर उसने सोशल साइट पर शेयर की थी। उसने अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ ट्वीट किए थे, जिसमें उसकी एनसीपी नेताओं से करीबी झलकती है। 

पिता की सारी कमाई कोरोना में दान करने की बात फैलाई 
उसने एक ट्वीट और भी किया था जिसमें उसने लिखा था कि उसके पिता ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए महाराष्ट्र सरकार को अपने जीवन की सारी कमाई दान कर दी। उसने इसे स्वीकारने के लिए गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का आभार भी जताया है।



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